विधायकों की नाकामियत असल में तब में पेश में आती है जब चुनावी समय में जनता उनसे रूठ जाती है। अब चुनावी समय में जनता का रूठना भी लाजमी है, क्योंकि पिछले कई सालों में उन्हें यदि वोट के नाम पर धोखा होता है तो जनता भी अपना बदला तो लेंगे ही।
ठीक इसी तरह का वाक्या तब पेश में आया जब धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत संधोल तहसील के बांह पोलिंग बूथ पर एक भी मतदाता मतदान करने नहीं पहुंचा। बूथ के तहत सेड गांव के लोद या तो अपने कामों में व्यस्त या फिर मनरेगा के कार्य करने पर बल दे रहे हैं। यहां तक की पोलिंग स्टेशन पर पार्टी के लोग भी मतदाताओं के इंतजार में हैं लेकिन इन पार्टी ने नेताओं से गुस्साए लोगों ने भी वोट तक नहीं डाला।
दरअसल, यहां के ग्रामीण लोग पार्टी नेताओं से इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि उनका मानना है कि ये क्षेत्र हमेशा ही उपेक्षा का शिकार होता रहा है। पिछले कई सालों से वह सड़के बनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी नेताओं के लोगों आज तक उन्हें सिर्फ वोट तक ही सीमित रखा और विकास के नाम पर केवल झूठे वायदे किये गए।
गौरतलब है कि इस बार धर्मपुर से बीजेपी कैंडिडेट महेंद्र सिंह और कांग्रेस से चंद्र शेखर चुनावी लड़ाई लड़ रहे हैं। इन दोनों कैंडिडेट्स पर गांव के लोगों को बिलकुल भी भरोसा नहीं है और इसी के चलते सारे गांव ने इस बार चुनावी बहिष्कार का मन बना रखा है।