स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटालों को लेकर कांग्रेस पार्टी सरकार पर पूरी तरह से हावी हो गई थी। यहां तक कि स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले को लेकर डॉ राजीव बिंदल के इस्तीफे के बाद यह लगने लगा था कि कांग्रेस पार्टी सरकार पर ताबड़तोड़ हमले कर विपक्ष की भूमिका को जोरदार तरीके से आगे बढ़ा पाएगी। कांग्रेस के दिग्गज नेता सरकार को घेरने के लिए मैदान में उतर चुके थे। लेकिन इसी बीच अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के 12 करोड़ की मांग वाले वायरल वाट्सऐप मेसेज ने सारा खेल बिगाड़ दिया।
कांग्रेस पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर के नाम से वायरल हो रहे इस वाट्सऐप मेसेज में कांग्रेस आलाकमान से 12 करोड़ की मांग की गई है। जिसमें COVID -19 संकट और लॉक डाउन के दौरान पार्टी द्वारा 2.40 लाख लोगों (प्रवासियों सहित) को राहत सामग्री, 7.5 लाख मास्क, 2.5 लाख सेनिटाइजर और 11,000 पीपीई किट वितरित करने का ज़िक्र है। हिमाचल प्रदेश से अपने गृह राज्यों में 70,000 प्रवासियों की वापसी की सुविधा प्रदान की है। साथ ही ख़र्चे में भोजन, आश्रय, टिकट (प्रवासियों के लिए खरीदे गए), चिकित्सा और अन्य राहत के प्रावधान शामिल थे। पत्र में इसका बिलकुल उल्लेख नहीं किया गया है कि पीपीई किट कहां वितरित किए गए।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस वाट्सऐप मेसेज को लेकर कांग्रेस पर पलटवार भी किया और कांग्रेस से पूछा कि पार्टी ने 12 करोड़ कहां खर्च किया इसका ब्यौरा जनता को दें। जिससे कांग्रेस पार्टी प्रदेशाध्यक्ष तिलमिला उठे और मुख्यमंत्री पर कानूनी कार्यवाही की चेतावनी तक दे डाली। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर वाट्सऐप मेसेज को लेकर कह रहे हैं कि उन्होंने इस तरह के कोई प्रपोजल आलाकमान को नहीं भेजा। लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर से ही ये वाट्सऐप मेसेज लीक हुआ है। वैसे लोकसभा चुनाव के दौरान भी हिमाचल कांग्रेस पार्टी में धन के दुरुपयोग के आरोप लग चुके हैं।