हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने रियल एस्टेट (विनियम और विकास) अधिनियम, 2016 (रेरा) के प्रावधानों के अन्तर्गत ‘फोर्स मैज्योर’ के तहत रियल एस्टेट परियोजनाओं के पंजीकरण के विस्तार और सभी कानूनी अनुपालनाओं के समयावधि विस्तार के लिए परामर्श जारी किया है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के परामर्श को ध्यान में रखते हुए और धारा 37 और धारा 34 की शक्तियों के अन्तर्गत 25 मार्च, 2020 से 24 सितंबर, 2020 तक 6 महीने की अवधि के लिए फोर्स मैज्योर लागू किया गया है। हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण ने रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-6 के अन्तर्गत ‘फोर्स मैज्योर’ क्लॉज को लागू करके परियोजनाओं के पंजीकरण और पूर्ण होने की तिथि या संशोधित पूर्ण होने की तिथि या 6 महीने तक विस्तारित तिथि स्वतः बढ़ाने का आदेश जारी किया है।
उन्होंने बताया कि बुरी तरह से प्रभावित परियोजनाओं के प्रमोटर्स को उक्त अधिनियम की धारा-6 के प्रावधानों के अनुसार छः माह से आगे तक अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन करना होगा, जो कि अतिरिक्त तीन माह के लिए की जा सकती है। ऐसे विस्तार के लिए फीस माफ करने के विवेकाधिकार का इस्तेमाल हिमाचल प्रदेश रेरा हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट (पंजीकरण और विकास) नियम, 2017 के अन्तर्गत किया जा सकता है। नियम 6 (2) के तहत ऐसे विस्तार के लिए फीस माफ कर सकता है, यदि यह ‘फोर्स मैज्योर’ के फलस्वरूप हुआ है।
उन्होंने कहा कि धारा 11 के तहत यदि निर्धारित समयावधि ‘फोर्स मैज्योर’ अवधि के दौरान पूरी हो रही थी, तो वह समयावधि स्वतः ही ‘फोर्स मैज्योर’ अवधि समाप्त होने तक स्थगित मानी जाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि ‘फोर्स मैज्योर’ अवधि को इस अधिनियम की धारा 12, 18 19 (4) और 19 (7) के तहत ब्याज की गणना के लिए अधिस्थगन अवधि माना जाएगा। उन्होंने कहा कि धारा 17 के तहत किसी तरह की अनुपालना यदि ‘फोर्स मैज्योर’ अवधि के दौरान नियत है, तो इसे ‘फोर्स मैज्योर’ की अवधि समाप्त होने तक पूरा करने की अनुमति होगी।