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मंडीः सरकाघाट में माकपा ने स्वास्थय घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिए किया प्रदर्शन और राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

पी. चंद, शिमला |

मंडी के सरकाघाट में  मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आज धरना प्रदर्शन किया और उसके बाद एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजा। जिसका नेतृत्व पार्टी नेता औऱ ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह औऱ मुनीष शर्मा ने किया। जिसमें सरकाघाट और धर्मपुर क्षेत्रों के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। पार्टी  द्धारा ओल्ड बस स्टैंड पर धरना प्रदर्शन किया और मांगो के समर्थन में नारे लगाए। पार्टी नेताओं ने कहा कि मौजूदा महामारी के महासंकट के दौर में देश की जनता के विशाल हिस्से की आजीविका के सारे साधन छीन गये हैं और लॉकडॉउन की बजह से देश में15 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं। भूखे प्रवासी मज़दूर मजबूरी में अपने गांवों की ओर पैदल यात्रा कर रहे हैं और एक हज़ार के लगभग लोग इस यात्रा में जान भी गवा चुके हैं।

इससे हमारे देश का असली चेहरा भी सामने आया है। जिसमें मार्मिक सत्य सामने आया है कि आज भी हमारे देश में जनता का बहुत बड़ा हिस्सा भूख की मार झेल रहा है। लेकिन इस विकट स्थिति में भारत सरकार देश की जनता को उचित राहत नहीं दे पाई है और ऐसे निर्णय ले रही है। जो जनता के हक में नहीं हैं। इन परिस्थितियों के मद्देनज़र मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति से मांग की है कि केंद्र सरकार आय कर सीमा के नीचे आने वाले सभी परिवारों को छह माह की अवधि तक साढ़े सात हज़ार रुपये नगद सहायता प्रदान की जाए।

इसके अलावा छह माहिने के लिए प्रति व्यक्ति हर माहिने दस किलो खाद्यान्न दिया जाये। मनरेगा में दो दिनों का काम और साढ़े तीन सौ रुपये दैनिक मज़दूरी दी जाये, सभी बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए। सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने की मुहिम पर रोक लगाई जाए और राष्ट्रीय सम्पतियों की लूट रोकी जाये। श्रम कानूनों में मज़दूर विरोधी बदलाव वापिस लिए जाएं। किसानों को केसीसी पर दिए गए 3 लाख रुपये तक के ऋण मुआफ़ किये जायें। प्रधानमंत्री केयर फण्ड से सभी राज्यों को राहत जारी की जाए और कोरोना काल में भाजपा द्धारा की जा रही रैलियों पर रोक लगाई जाए औऱ हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री द्धारा सरकारी खर्चे और बैनर तले की जा रही पार्टी की विधनसभा बार रैलियां भी रोकी जाए।