प्रदेश सरकार की ओर से जारी निर्देशों की अनुपालना में डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने क्वारंटीन नियमों में आंशिक संशोधन संबंधी आदेश पारित किए हैं। नए आदेशों के अनुसार मानक संचालन प्रक्रियाओं के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक मजदूर, उद्योगपति/फैक्टरी मालिक, व्यापारी, कच्चा माल प्रदायक (सप्लायर), सेवा प्रदाता एवं निरीक्षण प्राधिकरणों को होम क्वारंटीन के दायरे से छूट रहेगी। इसके अलावा जो व्यक्ति प्रमाणिक तौर पर व्यापार, व्यवसाय, नौकरी, परियोजना, सेवा क्षेत्र, कमीशन एजेंट और आढ़ती इत्यादि गतिविधियों के लिए मान्य दस्तावेजों एवं मान्य परमिट/ई-पास के साथ और कोविड-19 के उच्च मामलों वाले शहरों एवं अन्य कंटेनमेंट जोन को छोड़कर देश के किसी भी भाग से राज्य में प्रवेश करता है तो उसे भी क्वारंटीन से छूट रहेगी।
किसी ऐसे गैर सरकारी संगठन अथवा अन्य चेरीटेबल संस्था के प्रबंधक, प्रभारी जिनकी राज्य में शाखाएं हों और वे किसी अधिकारिक बैठक इत्यादि के उद्देश्य से अल्प अवधि के लिए जो कि 48 घंटों से अधिक न हो, हिमाचल प्रदेश में आना चाहते हैं तो उन्हें भी क्वारंटीन से छूट रहेगी। हालांकि इस अवधि में वे आम लोगों से नहीं मिल-जुल सकेंगे, निश्चित दूरी के सभी नियमों की अनुपालना करेंगे और कोविड-19 से संबंधित अन्य सभी सावधानियों/नियमों का पालन करेंगे और किसी भी प्रकार के सामाजिक/ सांस्कृतिक और अन्य ऐसे किसी समारोह का आयोजन नहीं कर सकेंगे। उपरोक्त सभी श्रेणियों में आने वाले लोगों को आरोग्य सेतु एप्लिकेशन का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त के अतिरिक्त गत 2 जून, 2020 को उनके कार्यालय से जारी आदेशों में बागवानों/कृषकों/ ठेकेदारों/परियोजना प्रस्तावकों द्वारा बाहरी राज्यों से लाए श्रमिकों को क्वारंटीन में छूट को लेकर आंशिक संशोधन किया गया है। इसके अंतर्गत राज्य में आने वाले प्रवासी श्रमिकों को सीधे बागववानों, कृषकों, ठेकेदारों, परियोजना प्रस्तावकों के कार्य स्थलों पर भेजा जाएगा। श्रमिक वहां तुरंत प्रभाव से कार्य प्रारंभ करेंगे और इस दौरान उन्हें निश्चित दूरी/पृथकवास का पालन करना होगा और क्वारंटीन में रखे व्यक्ति के समान लक्षणों इत्यादि के लिए इनकी निरंतर निगरानी भी करनी होगी। सक्रिय निगरानी की अवधि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुरूप मानी जाएगी।
इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार कोविड-19 प्रभावित उच्च मामलों वाले शहरों से आने वाले सभी लोगों को संस्थागत संगरोध में रहना होगा। केवल मानवीय संकट, गर्भावस्था, परिवार में मृत्यु, गंभीर बिमारी, 65 वर्ष की आयु से अधिक सह-रूग्णता वाले व्यक्ति, 10 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के माता-पिता को संस्थागत संगरोध के स्थान पर गृह-संगरोध में रहने की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि इस बारे में संबंधित उपमंडलाधिकारी गृह-संगरोध की समुचित व्यवस्था के बारे में संबंधित ग्राम पंचायतों से प्रमाण पत्र लेंगे। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू माने जाएंगे।