कांग्रेस प्रवक्ता ने बीजेपी नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर जवाब दिया है। प्रेम कौशल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेस पार्टी के तथाकथित 12 करोड़ के बिल को लेकर की गई टिप्पणी स्वास्थ्य विभाग में उनकी सरपरस्ती में हुए घोटाले से हुई फजीहत की झुंझलाहट को प्रदर्शित करती है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जय राम ठाकुर एक कमज़ोर नेता और मुख्यमंत्री सिद्ध हुए हैं क्योंकि ना सरकार पर उनका नियंत्रण है ना ही विधायकों पर मुख्यमंत्री का रिमोट निकरधारियों और अधिकारियों के हाथ में है। प्रदेश के कुछ भाजपा नेताओ और विधायकों द्वारा कांग्रेस नेताओ पर संकट के समय में राजनीति करने के आरोपों का जवाब देते हुए कौशल ने कहा कि राजनीति तो भाजपा के अंदर हो रही है और महामारी से लड़ने की बजाए भाजपाई आपस में ही भीड़ रहे हैं। भाजपा के विधायक और नेता अपनी पार्टी आलाकमान को पत्र लिख एक दूसरे के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं तथा सरकार में मंत्री पद प्राप्त करने के चक्कर में एक दूसरे को निपटाने में लगे हैं।
भाजपा में व्याप्त आंतरिक द्वंद्व के चलते मुख्यमंत्री और सरकार का पूरा फ़ोकस महामारी से त्रस्त जनता की सुध लेने की बजाए आपसी झगड़ों को निपटाने पर है। जो नेता कांग्रेस नेताओ के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने और उनके ज़मानत पर होने की बात कर रहे हैं उनको ज्ञात होना चाहिए कि केंद्र की भाजपा सरकार ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत यह केस बनाए हैं। यह मामले माननीय अदालतों के विचारसधीन हैं और जब निर्णय आएगा स्वंम दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
ऐसे नेताओं को बंगारू लक्ष्मण और जूदेव जैसे अपने शीर्ष नेताओं का स्मरण भी कर लेना चाहिए। भाजपा सरकार के 3 साल का निराशाजनक कार्यकाल पूर्ण होने बाला है और जो कांग्रेस नेताओ पर भ्रष्टाचार को लेकर तथ्यविहीन टिप्पणियां कर रहे हैं वह अपने गिरेबान में भी एक नज़र झांक कर देख लें, क्योंकि जो गोलमाल चल रहा उसके विषय में वह इस गलतफहमी में ना रहें कि वह किसी को नज़र नहीं आ रहा।