मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को हैरान किया है और इसके लिए चिकित्सा सेवाएं तैयार नहीं थी। हिमाचल प्रदेश इस महामारी से प्रभावशाली तरीके से लड़ रहा है और इस संक्रमण को रोकने में प्रदेश की आशा कार्यकर्ता महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आशा कार्यकर्ताओं ने इन्फ्लुएंजा लक्षण वाले लोगों का पता लगाने के साथ-साथ लोगों को क्वारंटीन नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए भी प्रेरित किया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी आशा कार्यकर्ताओं को जून-जुलाई महीने के लिए दो-दो हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का फैसला लिया है। साथ ही प्रदेश सरकार आशा कार्यकर्ताओं की सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश की आशा वर्करों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सराहना की है। प्रधानमंत्री ने अन्य मुख्यमंत्रियों को भी हिमाचल प्रदेश का अनुसरण करने और अपने संबंधित प्रदेशों में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के मरीजों की पहचान करने के लिए यह अभियान शुरू करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं ने लोगों को सामाजिक दूरी के महत्त्व के बारे में और संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए फेस मास्क का प्रयोग करने के बारे में जागरूक करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि यद्यपि हमारे देश में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, पर फिर भी स्थिति नियंत्रण में हैं। दुनिया के 15 सबसे विकसित देशों में 4.65 लाख लोगों की जान कोरोना के कारण गई है, जबकि इन देशों की जनसंख्या 142 करोड़ है, वहीं भारत में 135 करोड़ जनसंख्या होने के बावजूद भी अभी तक कोरोना के कारण 13 हजार 699 मृत्यु दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा समय रहते लिए गए लॉकडाउन के निर्णय को जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं ने लोगों को जागरूक करने में और होम क्वारंटीन के नियमों का सख्ती से पालन करवाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, ताकि वह और उनके परिवारजन सुरक्षित रह सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सामुदायिक स्तर पर संक्रमण का फैलाव रोकने में सफल रही है, जिसका श्रेय आशा कार्यकर्ताओं को जाता है।