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जिन लोगों की चीन से हों यारियां, वो अपने देश के साथ क्या करेंगे वफ़ादारियां : नरेंद्र ठाकुर

समाचार फर्स्ट डेस्क |

हमीरपुर सदर के विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि जिन लोगों की चीन के साथ यारी हो वो अपने देश के साथ क्या वफादारी करेंगे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से सवाल किया कि 'राजीव गांधी फाउंडेशन' किसका एनजीओ है? यह एनजीओ सरकार की अनुमति बिना चीन से कैसे 'दान' को स्वीकार करता है? इस तथाकथित 'डोनेशन' की कितनी राशि राजीव गांधी फाउंडेशन को मिली है?

नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते चीन से एक परिवार के एनजीओ राजीव गांधी फाउंडेशन को 2 करोड़ 26 लाख की राशि मिली। इसके बाद राष्ट्रीय हितों को ताक पर रखते हुये मनमोहन सरकार ने चीन को एफटीए (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) यानि मुक्त व्यापार समझौते की सुविधा उपलब्ध करवाई। राजीव फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं और उनकी दोनों संतानें राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा इसके ट्रस्टी हैं। जबकि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री रहे पी चिदम्बरम इसके सदस्य हैं। इसलिये ये सारा घालमेल मिलजुल कर किया गया । और एक परिवार के ट्रस्ट को फ़ायदा देने के लिये पूरे राष्ट्र को धोखा दे दिया गया।

इतना ही नहीं हमीरपुर सदर के विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कांग्रेस से सवाल पूछा है कि जब भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद हुआ तक कांग्रेस के किस नेता ने चीनी अधिकारियों से गुपचुप बैठक की? बिना सरकार की अनुमति के इस तरह की मीटिंग करना देश के साथ धोखा नहीं तो और क्या है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और राष्ट्र भक्ति को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के ट्रैक रिकॉर्ड से सारे देश की जनता भली भांति वाकिफ़ है। इसलिये आज हम जो सवाल कांग्रेस से पूछ रहे हैं उनके जवाब इस पार्टी को देश की जनता के सामने रखने चाहिए। जो लोग राष्ट्रीय हितों को ताक पर रखकर चीन से यारियां बढ़ाते हों उनकी अपने देश के प्रति क्या वफ़ादारियां होंगीं इस बात को अब जनता पूरी तरह से जान चुकी है।