पारंपरिक एवं सांस्कृतिक विरासत की प्रतिक मिंजर इस बार रस्मी तौर पर आयोजित होगा। कोरोना के चलते मिंजर मेले का इस बार सादे तरीके से आयोजन किया जाएगा। यह फैसला सोमवार को चंबा के विधायक पवन नैयर की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया है। बैठक में फैसला हुआ कि 26 जुलाई रस्म के तौर पर मिंजर का आगाज किया जाएगा। पूजा अर्चना के साथ रस्म के तौर पर मिंजर अर्पित की जाएगी । वहीं, 2 अगस्त को रावी में मिंजर विसर्जन के साथ इसका समापन होगा।
बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि 26 जुलाई से हर शाम पारंपरिक कूंजड़ी मल्हार गायन प्रस्तुत किया जाएगा। जिसका प्रसारण केवल और अन्य माध्यमों से किया जाएगा ताकि लोग घर पर बैठकर इसका आनंद ले सकें। वहीं मिंजर के दौरान किसी को भी चौगान में जाने की अनुमति नहीं होगी। विधायक ने कहा कि मिंजर आम जनता की आस्था और विश्वास के साथ जुड़ा हुआ है, ऐसे में लोगों की भावनाओं की कद्र करते हुए परंपराओं का निर्वहन सभी एहतियातों के साथ किया जाएगा। मिंजर के शुभारंभ और समापन को परंपरा के अनुसार आयोजित करने को लेकर जो अंतिम रूपरेखा तय की जाएगी उसमें कोरोना संक्रमण के सभी पहलुओं पर भी ध्यान रखा जाएगा।