शिमला के मशोबरा ब्लॉक की बलोग पंचायत में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प होने से सैंकड़ों लोगों को बहुत परेशानी पेश आ रही है। जिससे सरकार के घरद्वार स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। वरिष्ठ नागरिक का कहना है कि बलोग पंचायत में स्वास्थ्य सेवा के नाम पर एक आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी कार्यरत है। जिसमें पिछले करीब 4 साल से चिकित्सक न होने के कारण इसका संचालन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा किया जा रहा है। इनका कहना है कि इस आयुर्वेदिक औषधालय में एक फार्मासिस्ट द्वारा करीब तीन महीने पहले ज्वायन किया ही था कि सरकार द्वारा उनकी डियूटी में उसी दौरान कहीं ओर लगा दी गई।
स्थानिय नागरिग का कहना है कि करीब अढाई हजार की आबादी वाली इस पंचायत में यदि कोई घटना घट जाती है तो लोगों को प्राथमिक उपचार सुविधा भी नसीब नहीं होती है और इस पंचायत के लोगों को उपचार करवाने के लिए चायल औऱ सोलन जाना पड़ता है। हालांकि इस पंचायत के डूब्लु में एक उप स्वास्थ्य केंद्र भी कार्यरत है। जिसमें पिछले अढाई सालों से ताला लटका हुआ है।
पंचायत के उप प्रधान पूरण दत ने बताया कि पंचायत द्वारा सरकार और विभाग को अनेकों बार लिखित रूप में दिया गया है। परंतु विभाग को इस क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है। जिला आयुर्वेद अधिकारी शिमला डॉ केडी शर्मा ने बताया कि बलोग डिस्पेंसरी में हाल ही में तैनात फॉर्मासिस्ट की कोरोना संकट में दौरान बैरियर पर डियूटी लगाई गई है और शीघ्र ही उसे वापिस बलोग भेज दिया जाएगा।