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अल्पसंख्यकों औऱ दिव्यांगों को स्वरोजगार के लिए सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध करवा रहा है निगमः डॉ राजीव सैजल

समाचार फर्स्ट डेस्क |

हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त औऱ विकास निगम की बैठक आज यहां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ राजीव सैजल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उन्होंने अधिकारियों से यह सनिश्चित बनाने के निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ अधिक से अधिक अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों तक पहुंचे ताकि उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।

लाहौल स्पिती और किन्नौर जिला के अल्पसंख्यक लोगों को भी सरकार कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचना चाहिए

उन्होंने कहा कि समुदाय विशेष के लोगों तक विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए संबंधित समुदाय के नेताओं को साथ लेकर कार्य किया जाना चाहिए। अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को एक मंच पर लाने की जरूरत है और हिमाचल प्रदेश से इसकी पहल होनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि लाहौल स्पिती और किन्नौर जिला के अल्पसंख्यक लोगों तक भी सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचना चाहिए और इस बात पर विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। ये प्रयास भी होने चाहिए कि प्रदेश के मुस्लिम, बौद्ध और सिक्ख समुदाय जैसे अल्पसंख्यक वर्गाो के लोगों को भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ मिलें।

अल्पसंख्यकों औऱ दिव्यागों को स्वरोजगार उच्च शिक्षा के लिए सस्ती दरों पर ऋण सुविधा उपलब्ध

उन्होंने कहा कि निगम अल्पसंख्यक समुदाय औऱ दिव्यांगों को स्वरोजगार औऱ उच्च शिक्षा के लिए सस्ती दरों पर ऋण सुविधा उपलब्ध करवा रहा है। निगम ने स्वरोजगार के लिए अभी तक अल्पसंख्यक समुदायों के 2664 व्यक्तियों को 50.68 करोड़ रूपये के ऋण औऱ 1605 दिव्यांगों को 39.29 करोड़ रूपये के ऋण विभिन्न योजनाओं के अन्र्तगत दिए हैं। इसके अलावा, शिक्षा क्षेत्र में 24 अल्पसंख्यक बच्चों को 0.58 करोड़ रुपये के ऋण औऱ तीन दिव्यांग बच्चों को 0.7 करोड़ के ऋण उपलब्ध करवाए गए हैं। निगम द्वारा कुल 4296 अल्पसंख्यक, दिव्यांग औऱ बच्चों को स्वरोजगार, शिक्षा के क्षेत्र में कुल 90.63 करोड़ रुपये के ऋण उपलब्ध करवाए गए हैं।

अल्पसंख्यक समुदाय के 333, दिव्यांगजनों के 300 लाभर्थियों को तीन करोड़

उन्होंने कहा कि अधिकारी निगम को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राष्ट्रीय निगमों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के 333 लाभार्थियों को पांच करोड़ रुपये औऱ दिव्यांगजनों के 300 लाभर्थियों को तीन करोड़ रुपये के वार्षिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि कोरोना संकट के इस समय में राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों के लोगों को निगम की ऋण योजनाओं का लाभ मिल सके।