12वीं के परिणामों पर बेहतरीन प्रदर्शन करने पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने दिल्ली की आप सरकार को बधाई दी है। शांता कुमार ने कहा कि दिल्ली में 12वीं के परिणाम सरकारी स्कूलों में ज्यादा अच्छे रहे। आज ज्यादातर स्कूलों में हर सुविधाओं होने के बावजूद परिणाम अच्छे नहीं रहते हैं। हिमाचल प्रदेश में स्थिति चिंताजनक है और सभी सरकारी स्कूलों को इसपर गंभीरता से विचार करना चाहिए। दिल्ली सरकार एक और बात के लिये भी बधाई की पात्र है। उन्होंने योग और नैतिक शिक्षा को एक अन्य विषय के नाम से स्कूलों में प्रारम्भ किया है। चरित्र निर्माण की दृश्टि से यह बहुत महत्वपूर्ण है।
वहीं, आज कल की मोबाइल टेक्नॉलजी पर शांता ने चिंता जताते हुए कहा कि नई तकनीक ने बच्चों के हाथ मोबाइल तो दे दिया, लेकिन उसके उपयोग का विवेक नहीं दिया। परिवारों में संस्कार की पुरानी परंपरा -ं दादा दादी – नाना नानी के पास बैठकर रामायण की कहानियां सुनना अब पूरी तरह से समाप्त हो गई है। मोबाइल की व्यस्तता के बाद आज की युवा पीढी के पास और बातों के लिये कोई समय नहीं है। मोबाइल में सब अच्छा ही नहीं, बहुत अधिक बुरा भी दिखाई देता है। संस्कारों की इस कमी, बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी के कारण युवा हताष और निराष हो रहा है। हिमाचल प्रदेष में 2019 में कुल 563 आत्महत्याएं हुई हैं।
उन्होंने हिमाचल सरकार को एक बार फिर बड़े विनम्र आग्रह से सुझाव दिया है कि अब अतिषीघ्र योग और नैतिक षिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में जोड़ें। मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल की सलाह से प्रदेश में कुछ विद्वानों की कमेटी बनाएं। ये कमेटी हर कक्षा के लिए परिस्थितियों के अनुसार नैतिक शिक्षा पाठयक्रम तय करे और उसे अति शीघ्र लागू करे। यदि दिल्ली की आप सरकार यह कर सकती है और कुछ वर्षों में इस का परिणाम आ सकता है तो बाकी सरकारें क्यों नहीं…?? मुझे इस बात का दुक है कि मूल्यों की बात करने वाले भाजपा को यह सबसे पहले करना चाहिये थे। साथ ही उन्होंने डीएवी पालमपुर की 3 सगी बहनों की सराहना की।