पूर्व मंत्री जीएस बाली ने पीसमील वर्करों के लिए आवाज़ उठाई है। अपने फेसबुक पेज के माध्यम से जीएस बाली ने लिखा कि 'हिमाचल पथ परिवहन निगम की कार्यशालाओं में 900 से अधिक पीसमील वर्कर सेवाएं देते हैं। इनकी कार्यकुशलता के कारण ही निगम की बसें दिन-रात पेचीदा सड़कों और विषम मौसम में सेवाएं देती हैं। मगर कोरोना के इस दौर में उन्हें मानदेय नहीं दिया जा रहा। ये सिर्फ 900 कर्मियों की बात नहीं है, बात 900 से अधिक परिवारों की है। अगर कोरोना संकट के कारण बसें खड़ी हैं और उन्हें काम नहीं दिया जा रहा तो इसमें उनकी क्या गलती है?
ये सरकार की जिम्मेदारी है कि मुश्किल दौर में इन मेहनतकश लोगों का चूल्हा जलता रहे और बच्चों को भूखा न सोना पड़े। पीसमील वर्कर्स को तुरन्त उनका मानदेय दिया जाए जो उनका हक भी है, वरना कांग्रेस पार्टी उनके लिए सड़कों पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेगी। मेरा प्रदेश सरकार को सुझाव है कि कोरोना के इस दौर में सबका खयाल रखें। चाहे वे पक्के कर्मचारी हों, अनुबन्धकर्मी हों, दिहाड़ीदार हों, कारोबारी हों या आम लोग। सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुंह न मोड़े और किसी को उसके हकों के लिए न तरसाए।'