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बिलासपुर: सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गौवंश को जल्द मिलेगा स्थाई ठिकाना, प्रशासन ने खाका किया तैयार

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बिलासपुर की सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गौवंश को शीघ्र ही स्थाई ठिकाना मिल जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने पूरा खाका तैयार कर लिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने बताया कि इन बेसहारा गौवंश को जिला में चल रहे 12 गौ सदनों में शिफ्ट किया जाएगा। सरकार की तरफ से 500 रुपए प्रति पशु प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए किसी भी गौसदन का रजिस्ट्रर्ड होना या न होना लाजमी नहीं है। संबंधित गौसदन में कम से कम 30 पशु होने अनिवार्य हैं।

उन्होंने बताया कि जिला में दो स्थानों को गौ सैंच्युरी के लिए चयनित किया गया है। इसके तहत एक गौ सैंच्युरी धारटटोह और दूसरी बरोटा डडवाल में बनाई जाएगी। दोनों का एफआरए केस बनाकर एनओसी के लिए वन विभाग को भेजा जाएगा। वहीं, पशु पालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि जिला में मौजूदा सयम 14 सौ गौ वंश सड़कों पर है। उन्होंने बताया कि इनमें से विभाग द्वारा 898 की टैगिंग की जा चुकी है और संबंधित गौ सदनों को उनकी क्षमता के तहत दिए जाने वाले गौ वंश को यदि कोई सदन छोड़ता है तो उससे न केवल जवाबतलबी की जाएगी बल्कि इससे कोई भी अपने पशु को नहीं छोड़ पाएगा।

उपायुक्त ने बताया कि इसी प्रकार की टैगिंग लोगों के पशुओं की भी की जाएगी। इसके तहत एक यूनिक नंबर लगाया जाता है और उसे विभाग की पोर्टल पर चढ़ाया जाएगा। इससे आने वाले समय में बेसहारा पशुओं की समस्या से निजात मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि गौ सदनों के संचालन के लिए जिला स्त्तर पर डीसी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है और इसी प्रकार उपमंडल स्त्तर पर एसडीएम और लोकल लेबल पर तहसीलदार और नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के तहत सभी लोगों के गऊओं और भैंसों का निशुल्क कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा। यह कार्यक्रम पहली अगस्त से शुरू होकर जुलाई, 2021 तक चलेगा। इसके लिए संबंधित पशु की टैगिंग लाजमी है।