नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि करीब 60 हज़ार करोड़ के कर्जे तले दबी हिमाचल प्रदेश सरकार के पास कर्मियों और विधायक निधि के लिए पैसा नहीं है। विधायक निधि को बहाल करने की मांग विपक्ष ही नहीं भाजपा विधायक भी कर रहे हैं। कैबिनेट की बैठकों में फिजूलखर्ची वाले निर्णय कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री नए चैयरमेन बना रहे हैं, नए संस्थान बना रहे हैं, नए पद सृजित कर रहे हैं। जबकि कोरोना काल में हिमाचल सरकार ने विधायकों की विधायक निधि छीन ली है। साथ ही जनता पर बोझ डालने के लिए बिजली के दाम बढ़ा दिए गए हैं। पेट्रोल डीजल पर टैक्स बढ़ाया गया है। राशन पर सब्सिडी ख़त्म की जा रही है। गाड़ियों की पंजीकरण फीस बड़ा दी गई है। ये दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे।