किसान संघर्श समिति के अध्यक्ष जोगिंदर वालिया की अध्यक्षता में कंसा चौक में एक बैठक का आयोजन किया गया। बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति ने बल्ह प्रस्तावित हवाई अड्डे के विरोध और किसानों की मांगों को लेकर जनजागरण अभियान चलाने औऱ संघर्श करने का निर्णय लिया है। इसके तहत 22 से 29 जुलाई तक प्रभावित क्षेत्र के लोगों के साथ बैठकें की जाएंगी और उन्हें बताया जाएगा कि हवाई अड्डे के लिए जो जमीन का अधिग्रहण सरकार द्वारा किया जाएगा। उसका मुआवजा नाममात्र होगा औऱ लोग अपनी उपजाऊ जमीन को खो देंगे।
इस बैठक में बल्ह में हवाई अड्डा बनाए जाने पर चर्चा की गई। कहा गया कि संघर्ष समिति 2018 से अब तक मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, एयरपोर्ट अथॉरटी को कई बार जिलाधीश, एसडीएम बल्ह, एसडीएम सुंदरनगर के माध्यम से ज्ञापन भेज चुकी है। समिति साफ कर चुकी है कि हवाई अड्डे का निर्माण किसी अन्य स्थान पर किया जाए। बल्ह की उपजाऊ भूमि और घनी आबादी को न उजाड़ा जाए, परन्तु सरकार राजस्व विभाग के कर्मचारियों को भेजकर लगातार सर्वे करवा रही है।
गुपचुप तरीके से सर्वे करके किसानों को अनदेखी कर के सरकार एकतरफा आगे बढ़ रही है। समिति ने कहा कि हाल ही में सरकार ने सर्किल रेट 2020 के जारी किए हैं, जिसके अनुसार यदि हवाई अड्डा बनता है तो राज्य उच्चमर्ग और अन्य सड़कों से 100 मीटर से बाहर ढेड लाख से पंद्रह लाख तक प्रति बीघा विभिन्न मुहालों में विभिन्न दरों पर मुआवजा मिलेगा।
इस बाबत जिलाधीश मंडी से जब यह जानने की कोशिश की कि कितने लोग विस्थापित होंगे और अभी तक सरकार क्या-क्या कार्य कर चुकी है। उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया जिससे बल्ह के किसानों में भारी रोष है। समिति का दावा है कि इस बैठक में वो लोग भी शामिल हुए जो हवाई अड्डे का समर्थन कर रहे थे। इन लोगों को लग रहा था कि उन्हें प्रति बीघा एक करोड़ रूपए तक मुआवजा मिलेगा परन्तु अब डेढ़ लाख प्रति बीघा की दर से सर्किल रेट देख कर सचाई सामने आ गई है।