विधान सभा अध्यक्ष, विपिन सिंह परमार ने कारगिल विजय दिवस पर थुरल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर अमर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि कारगिल विजय दिवस भारतीय सेना के सम्मान, शहीदों के बलिदान और सैनिकों के शौर्य पर गर्व करने का दिन है। देश की सीमाओं की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलदान देने वाले वीर योद्धाओं को याद करने का अवसर ताकि अगली पीढ़ी को जानकारी के साथ- साथ इनके जीवन और देश प्रेम की प्रेरणा प्राप्त हो।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में हिमाचल प्रदेश के लगभग हर घर कोई न कोई सेवानिवृत्त है या रहा है। भारत माता की रक्षा में देश के हजारों लोगों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है उसमें प्रदेश के रणबांकुरों का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। देश का प्रथम परमवीर चक्र हिमाचल प्रदेश के ही शूरवीर शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा को प्राप्त हुआ है। कारगिल युद्ध मे भी प्रदेश के शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा और बिलासपुर के वीर सैनिक संजय कुमार को उनके अदम्य साहस के लिये परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। कि कैप्टन सौरव कालिया और मेजर सुधीर वालिया ने भी भारत माता की रक्षा में बलिदान दिया। प्रदेश के सभी शहीदों को याद कर श्रदांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और सहासिक निर्णयों के कारण ही भारत दुनियां में महाशक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है। 5 अगस्त को अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जायेगा। विजय दिवस पर उन्होंने थुरल क्षेत्र के 1965 के युद्ध मे शहीद हवलदार जनक सिंह, 1971 युद्ध मे शहीद नायक राजिंदर सिंह, 1991 में आतंकवादी हमले में शहीद हवलदार विधि सिंह तथा 1989 में श्रीलंका शांति मिशन में घायल कर्नल मोहिंदर सिंह के परिजनों को सम्मानित किया।
इलाके के तीनों शहीदों के चित्र लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में लगाये जायेंगे ताकि युवाओं को प्रेरणा और जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का बहुत बड़ा संकट सारी दुनियां के सामने आया है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने लोगों से कोविड-19 से बचाव के लिये सरकारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करने और घरों में रहने की अपील की। इसके पश्चात विधान सभा अध्यक्ष ने बलोह- सालन स्नहूं और भानून में चल रहे विभिन्न विकास कार्यो का निरीक्षण किया।