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सेना में जाने के लिए NCC के तहत मंजूर की गई तीन कंपनियों से मिलेगा अत्यंत प्रोत्साहनः सुरेश भारद्वाज

पी. चंद, शिमला |

शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज बचत भवन में आयोजित कारगिल विजय दिवस के जिला स्तरीय कार्यक्रम शौर्य दिवस की अध्यक्षता करते हुए यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के युवाओं को सेना में जाने के लिए एनसीसी के तहत मंजूर की गई तीन कंपनियों से अत्यंत प्रोत्साहन मिलेगा। इसके तहत जहां छात्र-छात्राओं को परिश्रम कर सी-सर्टिफिकेट प्राप्त करने के उपरांत सेना में जाने के लिए सुगमता होगी। एनसीसी से जहां छात्रों में अनुशासन और एकता का भाव पनपता है वहीं देश के लिए लड़ने का जज्बा भी पैदा होता है। उन्होंने कहा कि देश की सेना में प्रदेश के युवाओं को अधिकारी और सैनिक के रूप में प्रवेश कर देश सेवा का अवसर मिले इसके लिए जिला मंडी में सरकाघाट के बगश्याड़ में सरकार ने सैन्य ऐकेडमी खोलने को मंजूरी दी है।

उन्होंने कहा कि देश में हुए विभिन्न युद्धों में अन्य सैनिकों के साथ-साथ प्रदेश से संबंध रखने वाले वीर सैनिकों ने भी दुश्मनों को अपनी शक्ति का लोहा मनवाया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान सम्पूर्ण देश से 527 के करीब हमारे सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे, जिसमें से 52 सैनिक हिमाचल प्रदेश से संबंध रखते थे। उन्होंने बताया कि इस युद्ध में चार परमवीर चक्र दिए गए थे, जिसमें से दो हिमाचल प्रदेश के सपूतों को मिले थे। एक मरणोपरांत कैप्टन विक्रम बतरा और एक पुरस्कार तत्कालीन हवलदार संजय कुमार जो वर्तमान में सूबेदार मेजर के पद पर आसीन है को प्राप्त हुआ था। पहला परमवीर चक्र भी हिमाचल के मेजर सोमनाथ शर्मा को मिला था। इसके अतिरिक्त अन्य सैन्य आवार्ड से भी सैनिकों को नवाजा गया था।

भारद्वाज ने कहा कि हमारे सैनिक देश की रक्षा के लिए सदैव सजग रहते हैं। यदि देश का नेतृत्व मजबूत हाथों में हो तो किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। आज देश में कोरोना संक्रमण के मामले चाहे बढ़े हो लेकिन मृत्यु दर अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम है जो मजबूत नेतृत्व के कारण ही संभव हो पाया है। उन्होंने आज बचत भवन में सैनिकों के छाया चित्रों पर पुष्पाजंलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी। कार्यक्रम में उन्होंने कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त शहीदों की वीर नारियों को सम्मानित किया, जिसमें शहीद ग्रिनेडियर अनतराम की पत्नी का सम्मान उनके भाई भीमी राम ने, ग्रिनेडियर नरेश कुमार का सम्मान उनकी पत्नी शंकुतला देवी और गनर यशवंत सिंह का सम्मान उनकी बहन मेनका रोल्टा ने प्राप्त किया। इस अवसर पर कारगिल विजय गाथा पर आधारित वृत चित्रों का अवलोकन भी किया गया।