शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज शिमला में मंत्रिमंडल उप-समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा विभाग को विद्यार्थियों के लिए विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड योजना तैयार करने के निर्देश दिए। इसके माध्यम से पात्र विद्यार्थियों को सरल व सस्ता ऋण प्रदान किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का दृष्टिपत्र आम जनता की राय पर आधारित है, ताकि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके। उन्होंने विभागाध्यक्षों को इसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार राज्य में वर्तमान शिक्षा प्रणाली के आधुनिकीकरण के लिए विद्यालय और महाविद्यालय स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी सुविधाएं प्रदान कर रही है। राज्य में 137 महाविद्यालयों में से 114 महाविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। सभी 137 महाविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 27.77 लाख रुपये और 1837 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में 372.47 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि 905 मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप और एक जीबी मासिक इंटरनेट डाटा उपलब्ध करवाया जा रहा है। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं के लिए कोचिंग प्रदान की जा रही है। स्नातक स्तर के 72 अभ्यर्थियों, दस जमा दो के विज्ञान के 200 अभ्यर्थियों और दस जमा दो के वाणिज्य के 26 अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है। समिति ने राजकीय विद्यालयों में योग, शतरंज तथा संगीत की कक्षाएं आरंभ करने के निर्देश दिए। राज्य में 60 महाविद्यालयों और 315 विद्यालयों में एनसीसी गतिविधियां चल रही हैं।
समिति ने भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की और अधिकारियों को स्थानीय बोलियां जैसे बघाटी, हंडुरी, कुलवी, किन्नौरी, पंगवाली, सिरमौरी और स्पीति जैसी लुप्त प्राय भाषाओं के संरक्षण और अनुसंधान के लिए नीति तैयार करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त कांगड़ी, गद्दी, तिब्बती व पहाड़ी हिमाचली संस्कृति के संरक्षण के लिए सांस्कृतिक केंद्र खोलने के लिए उचित स्थल चिन्हित करने के भी निर्देश दिए।