पुराने ट्रेडिशनल वॉटर सोर्स यानी बावड़ियों को धरोहर के रूप में संजोकर रखने की कवायद शुरू हो गई है। इसी कड़ी में यूएस ऐड के कार्यक्रम पानी और स्वच्छता में सांझेदारी (पीएएसएस) के तहत ब्लाक धर्मशाला में नई सोच के तहत कार्य करते हुए समस्त 24 पंचायतों में बावड़ियों का एक डिजिटल मैप तैयार किया जा रहा है। इसमें 100 से अधिक बावड़ियों की भौगोलिक स्तिथि का एक पूरा खाका तैयार किया जाएगा । इसमें बावड़ी की वर्तमान स्थिति के साथ साथ बावड़ी की संपूर्ण जानकारी भी एकत्रित की जाएगी। इसमें मुख्य रूप से बावड़ी को गुगल अर्थ पर अंकित किया जाएगा जिससे कोई भी व्यक्ति गूगल मैप पर हर बावड़ी की स्तिथि उसके अक्षांश, देशांतर के अनुसार प्राप्त कर सकेगा और उसकी तस्वीर भी देखी जा सकेगी ।
ऐसा करने का प्रमुख उदेश्य यह है कि पुरानी बावड़ियों को हमारी धरोहर के रूप में संजो कर रखा जा सके और ऐसी सभी बावड़ियां जिनका जीर्णोद्धार किया जा सकता है उसका भी एक ऑनलाइन खाका तैयार करवा कर सभी बावड़ियों की स्थिति सुधारी जा सके । इसी के साथ साथ मानसून में बावड़ियों की क्लॉरिनेशन द्वारा सफाई करने का जिम्मा भी ब्लॉक धर्मशाला ने उठाया है ताकि लोगों को साफ पानी मुहैया कराया जाए । इसी के साथ साथ सभी बावड़ियों के जल की जांच भी की जाएगी जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके की इसका पानी पीने योग्य है । इस कार्यक्रम का आयोजन यूएस ऐड के महत्वपूर्ण कार्यक्रम वॉटर, सेनिटेशन एंड हाईजिन(डब्ल्यूएएसएच) के तहत किया जा रहा है। जिसमें विकास खंड धर्मशाला के तकनीकी संयोजक के रूप में क्योर इंडिया एनजीओ द्वारा कार्यशाला का आयोजन कर लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी। जिससे कि एक सप्ताह में सभी बावडिय़ों का एक ऑनलाइन डिजिटल मैप तैयार हो सके।
वहीं, धर्मशाला ब्लॉक के बीडीओ अभिनीत कात्यायन ने कहा कि डिजिटल मैप को तैयार करने का प्रमुख उदेश्य यह है कि गूगल मैप की मदद से ऐसी सभी बावड़ियों के पानी का बहाव मापा जा सके ताकि अधिक पानी का प्रयोग सिंचाई के रूप में किया जा सके या बेकार बह रहे पानी को सोक पिट में डाल कर भू-जल स्तर को ऊपर लाया जा सके । इसके लिए ग्राम रोजगार सेवकों की टीम को विशेष ट्रेनिंग का आयोजन ग्राम पंचायत बगली में किया गया। इस दौरान बगली में बावड़ियों की गूगल मैप पर लोकेशन अपलोड की गई और अन्य जानकारी भी सांझा की गई।