मात्र डेढ़ साल की बेटी को परिजनों के हवाले छोड़ मीना शर्मा नेरचौक स्थित मैडिकल कॉलेज में कोविड -19 के मरीजों के इलाज में जुटी हैं। मीना शर्मा बल्ह विधानसभा क्षेत्र के रठोहा गांव से संबध रखती हैं और नेरचौक स्थित मैडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत हैं। मीना बताती हैं कि वे 29 जुलाई 2020 से मैडिकल कॉलेज नेरचौक में कोरोना वार्ड में सेवाएं दे रहीं है और एक सप्ताह तक वहीं पर सेवाएं देंगी। उसके पश्चात क्वारंटाइन के लिए 14 दिन तक रहेंगी।
उन्होंने कहा कि वे आज तक एक दिन के लिए भी बेटी से अलग नहीं रही हैं पर अब 21 दिन तक अलग रहना पड़ रहा है। यह मां और बेटी दोनो के लिए परीक्षा की घड़ी है। मीना बताती हैं कि उनके पति उनका पूरा सहयोग करते हैं और अपनी नौकरी की व्यस्तता के बावजूद अपनी पत्नी की सेवाओं को ज्यादा महत्व देते हैं। मीना बताती हैं कि वे अपनी बेटी को वायु सेना में भेजना चाहती हैं। उन्हें परिवार के साथ घूमना, खाना पकाना व डायरी लिखने का बहुत शौक है।
मीना का कहना है कि उनके परिजन हमेशा से इनके सभी कार्यों में सहयोग करते हैं और लोगों की सेवा के लिए हमेशा प्रेरित करते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान विभिन्न राज्यों में कई ऐसे वाकिए पेश आए हैं। जिनमें कोरोना योद्धाओं के साथ परिजनों द्वारा प्रताडि़त किया गया है। लेकिन मीना के परिजन उन सभी से अलग हैं उन्होंने मीना का इस पुनीत कार्य के लिए हौंसला बढ़ाया है। मीना के ससुर शिक्षा विभाग से प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत हैं और बहु के इस पुनीत कार्य के लिए हमेशा गर्वान्वित महसूस करते हैं और बताते हैं कि इस समय देश सेवा के काम आ रही है, साथ ही अपनी डेड़ साल की पोती की चिंता भी है कि वो इतना समय अपनी मां के बिना कैसे रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पोती भी उनकी बहु की तरह योद्धा है।
मीना शर्मा बताती हैं कि उनका लक्ष्य नर्सिंग क्षेत्र में ही जन सेवा करने का है क्योंकि इस क्षेत्र में जरूरतमंदों की सेवा करने की अपार संभावनाएं हैं। नर्सिग की प्रारम्भिक पढ़ाई पालमपुर से पूरी की है तथा नर्सिंग में स्नातक की डिग्री इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला से पूरी की है। उनकी पहली नौकरी 2017 में ज्वाईन किया तथा दो वर्ष तक सेवाएं दी तथा पिछले डेढ़ वर्ष से मेडिकल कॉलेज नेरचौक में सेवाएं दे रही हैं। मीना शर्मा के पति विजय शर्मा डाक विभाग में कार्यरत हैं।