नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में बढ़ी रही आत्महत्याओं पर चिंता जताई है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना के क़हर में खुदकुशियां का तांडव मचा हुआ है और प्रदेश सरकार के मंत्री जश्न मना रहे है। रिकॉर्ड तोड़ खुदकुशियों से बेपरवाह जयराम सरकार के मंत्री अपने स्वागतों में डटे हैं। लोग मर रहे हैं औऱ भाजपा के लोग मंत्रियों को को कंधो पर उठा कर झूम रहे हैं।
मुक़ेश अग्निहोत्री ने सवाल किया कि क्या कोरोना का क़ानून सिर्फ़ विपक्ष के लिए ही है? क्या सत्ता में विराजमान लोगों को उसे में छूट दे रखी है। विपक्ष विरोध प्रदर्शन करे तो मामले दर्ज, मगर सरकार सारी जगह में नाचती रहे, यह दोहरा क़ानून नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री भी सारे प्रदेश में पाटिकाएं लगा कर दिल बहला रहे हैं। सरकारी आंकड़े गवाह हैं कि जयराम सरकार के कार्यकाल में 2000 ख़ुदकुशी के मामले आ चुके हैं। किसी सरकार के समय में भी इतना क़हर नहीं वरपा।
2018 में 780 और 2019 में 710 लोगों ने खुदकुशी की। मगर कोरोना में 466 खुदकुशियां चिंताजनक है और सरकार के दावों की पोल खोलता है। देव भूमि में जुलाई में 101 और जून में 112, मई में 89 खुदकुशी के मामले आये हैं। ऐसे में यह सरकार विकास के लिए नहीं खुदकुशियों के लिए जानी जाएगी। हर बार सरकारी आंकड़ों को सरकार यह कह कर नाकार देती है कि न जाने मुकेश अग्निहोत्री आंकड़े कहां से लाए? अबकी बार तो पुलिस ने बाक़ायदा पत्रकार सम्मेलन कर जारी किए हैं।
उन्होंने कहा लोगों कि नौकरियां छिन गई, बेरोजगारी बढ़ गई मगर सरकार आलोकप्रिय निर्णय लेती जा रही। अब बिजली के दाम भी बढ़ा दिये। राशन, बिजली और सफ़र महंगा कर दिया है। जनता में हाहाकार से बेपरवाह सरकार राजनीति में डटी है। जबकि खुदकुशियों के अलावा बलात्कार के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं।