जिला मंडी के जोनल अस्पताल में ईसीजी करने वाला टेक्निशियन रात को डयूटी से गायब था और बहाना मशीन खराब होने का बना दिया। मरीज को लेकर आए तीमारदारों को प्राईवेट ईसीजी टेक्निशियन को हाथ-पैर जोड़कर अस्पताल में लाकर ईसीजी करवानी पड़ी, जिसके बाद मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे शिमला रैफर कर दिया गया। बल्ह उपमंडल के बडसू गांव निवासी रवि कुमार और राजेंद्र कुमार ने बताया कि उनके चाचा जगदीश को रात को सीने में तेज दर्द हुआ। जगदीश कुमार का पहले भी हार्ट अटैक हो चुका था और एक स्टेंट भी पड़ा हुआ है।
जानकारी के अनुसार रात को जब दोनों भाई अपने अपने चाचा को जोनल अस्पताल मंडी लाए तो डॉक्टर ने तुरंत ईसीजी करने को कहा। दोनों भाई ईसीजी की तलाश में ईधर से उधर भागे और पता चला कि ईसीजी मशीन खराब है जिस कारण ईसीजी नहीं हो सकती। इसके बाद दोनों निजी टेक्निशियन के पास पहुंचे तो उन्होंने कोरोना का खौफ देखते हुए अस्पताल में जाने से इंकार कर दिया। निजी टेक्निशियन के हाथ-पैर जोड़कर और मिन्नतें करने के बाद वह अस्पताल आया और मरीज की ईसीजी की। ईसीजी में गड़बड़ी देखते ही ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बीना समय गंवाए मरीज को शिमला रैफर कर दिया।
जब इस बारे में डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर से बात की गई और उन्होंने मामले की जांच पड़ताल की तो पाया कि रेडक्रास के माध्यम से अस्पताल में दो मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं और यह दोनों ही ठीक हैं। उन्होंने बताया कि रात को टेक्निशियन डयूटी से नदारद था मशीन खराब होने का झूठा बहाना बनाया गया था। इस संदर्भ में मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। बता दें कि जोनल अस्पताल मंडी में रेडक्रास के माध्यम से ईसीजी की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। यहां से आए दिन यही शिकायतें आ रही हैं कि ईसीजी की समय पर सुविधा नहीं मिलती। जांच पड़ताल करने पर यह भी पता चला है कि रेडक्रास रविवार और अन्य छुट्टी वाले दिन ईसीजी की सुविधा मुहैया नहीं करवा रही है।