मंडी से कुल्लू के बीच चल रहे फोरलेन के कार्य में पंडोह बांध के साथ लगते पंडोह से क्षेत्र में कंपनी द्वारा निर्माण कार्य का मलबा डंप करने से खत्म हुए के रास्ते, सड़कें, जल स्त्रोत और शमशानघाट आदि से खफा हुए लोगों ने सोमवार को डंपिंग का काम रोक दिया और मौके पर धरना प्रदर्शन करके कंपनी को नियमानुसार काम करने की चेतावनी दी। बड़ी तादाद में लोग मौके पर पहुंचे और काम को बंद करवा दिया। आरोप लगाया कि निर्माण कर रही कंपनी ने हिमाचल के जल जंगल जमीन पर कब्जा जमा लिया है।
राष्ट्रीय उच्च मार्ग 21 मंडी कुल्लू के पंडोह डैम के साथ कैंची मोड़ से लेकर हणोगी तक हर कहीं मलबा ही मलबा दिखाई देगा। कंपनी द्वारा यह मलवा पंडोह डैम की झील में जबरन फेंका जा रहा है। जिसका स्थानीय लोग समय-समय पर विरोध करते रहे हैं। हाल ही में उक्त कंपनी द्वारा लोहट नाला और घराट नाला को डंपिंग साइट बनाया गया है। इन दोनों नालों में मिट्टी, पथर और मलवा फेंका जा रहा है। जिस कारण स्थानीय लोगों के रास्ते, सड़क पीने का पानी यहां तक कि शमशान घाट भी बंद कर दिए है।
सोमवार को नागधार पंचायत प्रधान दलीप सिंह ठाकुर की अगुवाई में नागधार पंचायत के सैकड़ों लोगों ने एन एच 21 कैंची मोड़ के पास एफकान कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि पंचायत द्वारा एफकान कंपनी को किसी प्रकार की कोई एनओसी जारी नहीं की है । बावजूद इसके दोनों नालों में जमकर मिट्टी- पत्थर फेंका जा रहा है। इस अनाधिकृत डंपिंग से स्थानीय लोगों का जनजीवन पूरी तरह से खतरे में पड़ गया है । 3-4 प्राकृतिक पानी के प्राचीन स्रोत मलबे में दब गए हैं। कुछ दबाये जा रहे हैं। आईपीएच विभाग द्वारा स्थानीय लोगों को पीने का पानी मुहैया करवाने के लिए जो पाइप लाइन बिछाई गई थी वह पूरी तरह से तहस-नहस हो चुकी है। लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है।
वही, गांव हटैण, खणेहु, डयोड, उबा, पटलीना, नागधार, और कैंची मोड यह सभी गांव मुख्य धारा सड़क से वंचित हो गए हैं । क्योंकि इनके रास्ते कटिंग, स्लाइडिंग और डंपिंग के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। जिसके लिए एफकॉन कंपनी पूरी तरह से जिम्मेदार है। गांव में यदि किसी प्रकार से कोई मृत्यु हो जाती है तो मृत शरीर को श्मशान घाट तक ले जाने में भी लोग असमर्थ है। क्योंकि श्मशान घाट के सड़क- रास्ते सभी मलबे की चपेट में है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर जयराम से मांग करते हुए कहा है कि वे लोगों की इस मांग को तवज्जो दें और हमें न्याय दिलाएं। इस अनधिकृत डंपिंग को अति शीघ्र बंद करें । अन्यथा लोगों को किसी भी संघर्ष में जाने से गुरेज नहीं होगा जिसके लिए ऐफकान कंपनी के साथ-साथ जिला प्रशासन भी जिम्मेदार होगा।
अल्पसंख्यक युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रफीक खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एपकान कंपनी ने स्थानीय लोगों का जीना हराम कर दिया है। जिसमें अल्पसंख्यक गुर्जर समुदाय का जनजीवन खतरे में है। पीने के पानी के स्रोत बंद कर दिए गए हैं। घरों में न केवल दरारें आई है बल्कि आधे मकान कटिंग और डंपिंग के कारण गिर चुके हैं। स्थानीय लोग पंचायत प्रधान की अगुवाई में डीसी मंडी से कई बार मिल चुके हैं मगर इन लोगों को मकानों के लिए किसी भी प्रकार की कोई राहत राशि या सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाई है। मोहनलाल, रफीक, सुलेमान, चेत राम और परमदेव के मकान गिरने के कगार पर है। अनोखी से दिव्यांग कल्याण सभा रंग अध्यक्ष मनोहर लाल ठाकुर ने बताया कि खोती नाला में व बांधी नाला में भी इसी तरह से अनधिकृत डंपिंग की जा रही है जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानियां आ रही हैं।
उधर, डीएफओ मंडी सुरेंद्र कश्यप ने बताया कि एस्कॉन कंपनी को वन विभाग की एनओसी जारी की गई है जिसमें स्थानीय पंचायत द्वारा एनओसी जारी की गई है उसी के बाद एफआरए में यह स्वीकृति मिली है। वहीं, आईपीएच विभाग के अधिशाषी अभियंता विवेक हाजरी ने बताया कि उनके ध्यान में अभी तक इस तरह का कोई मामला नहीं है। वे जल्द ही कनिष्ठ अभियंता से इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे।