मंडी में कोरोना पॉजटिव जो ज्यादा गंभीर नहीं है का इलाज अब घर में ही हो सकेगा। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के बीच हुई कोरोना महामारी समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। यह बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में हुई जिसमें उपायुक्त मंडी ऋगवेद ठाकुर भी मौजूद रहे। बैठक में उपस्थित सभी चिकित्सा अधिकारीयों को उपायुक्त मंडी रुग्वेद ठाकुर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना बीमारी से निपटने के लिए हमें नई रणनीति के साथ जमीन पर उतरना होगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन और स्वास्थ्य टीम को मिलकर रणनीति बनाने कि जरूरत है ताकी जनता में किसी भी तरह का कोई भ्रम पैदा न हो।
उन्होंने कहा कि क्वारिनटाइन हुए लोगों को समय पर स्पष्ट रूप से सूचित करने कि आवश्यकता है कि उनके सैम्पल कब, कहां और कैसे लेने है और रिपोर्ट कब तक आएगी। ठीक और स्टीक जानकारी न देने से कई बार जनता में गलत सन्देश चला जाता है जिससे नेक नियत के साथ काम कर रहे डाक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों की छवि खराब होने का अंदेशा बन जाता है ।
उपायुक्त ने कहा कि आज हमें कोरोना मरीजों को उनके घर में ही अलग रखने और इलाज कि व्यवस्था को बढ़ावा देने बारे प्रयास करने होंगे। केवल आपातकालीन स्थिति में ही मरीजों को कोविड केयर सेंटर में भेजने कि जरूरत पड़ेगी । मरीज को उसके घर में ही रखने कि व्यवस्था बनाये रखने के लिए हमें इस कार्य को एक अभियान के रूप में लेना होगा । जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस तरह का वातावरण प्रमोट करने के लिए जनता को विश्वास में लेगा ।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि चिकित्सा अधिकारी कोरोना माहांमारी को लेकर पूरी चौकसी बरते तथा अपने स्टाफ को भी समय समय पर चौकस रहने बारे दिशानिर्देश देते रहे । उन्होंने कहा कि कोरोना मरीज को घर में ही इलाज मिले और पड़ोस में भी किसी को संक्रमण न फैले इस बारे डाक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल कर्मचारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशाओं का मार्गदर्शन किया जायेगा । होम आइसोलेशन की मुहिम को जनता और स्वास्थ्य विभाग के बीच विश्वास का वातावरण बना करके ही अंजाम दिया जायेगा ।