कोरोना की महामारी और क्या क्या दिखाएगी… इसकी कल्पना करना भी भयावह ही लग रही है। संधोल की जिस 78 वर्षीय महिला की मंगलवार को मेडिकल कालेज नेरचौक में मौत हो गई थी उसका अंतिम संस्कार बुधवार को कंसा के पास सुकेती खड्ड में किया गया। महिला का बड़ा बेटा न्यूजीलैंड में रहता है जबकि छोटा बेटा सेवानिवृत प्रिंसिपल स्वयं संक्रमित होकर श्मशानघाट से कुछ ही दूरी पर स्थित नेरचौक मेडिकल कालेज में भर्ती है। ऐसे में उसके प्रिंसिपल दोस्तों सुशील कुमार शर्मा ने पिंडदान औऱ हवन की रस्मों को पूरा किया।
अस्थियां प्राप्त करने QJ अन्य संस्कारों के लिए एक अन्य दोस्त प्रिंसिपल प्रभदयाल ठाकुर भी उनके साथ रहे। कोई भी अपना सगा अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच पाया क्योंकि मृतका जो पंचकूला में अपनी दोहती की शादी में गई थी, वहां पर जाकर संक्रमित हो गई और शादी से एक दिन पहले ही परिवार के साथ वापस लौट आई। मंडी आते ही वह स्वयं, उसका बेटा, बहू और दो पोतियों के साथ साथ जो बड़ा बेटा न्यूजीलैंड में रहता है उसकी पत्नी भी कोरोना की जकड़ में आ गई। पंचकूला में उसकी बेटी और दामाद भी संक्रमित हो गए हैं। ऐसे में परिवार का कोई व्यक्ति अंतिम संस्कार में नहीं जा पाया।
आखिर में बेटे के दोस्तों ने यह रस्में निभाई जो अपने आप में एक मिसाल बन गया। मां को मुखाग्नि देने की जो एक परंपरा और इच्छा बेटों की होती है वह कोरोना के इस दानव ने छीन ली। इधर, मंडी शहर के खलियार में जो व्यक्ति सोमवार को कोराना से मौत का शिकार हो गया था उसकी पत्नी भी कोरोना पॉजटिव आई है। उसका सैंपल मंगलवार सुबह लिया गया था । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र शर्मा ने बताया कि शाम को जब मेडिकल विभाग की टीम उस महिला जिसमें लक्षण भी नजर आ रहे थे को अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए एंबुलेंस लेकर गई तो महिला ने एक घंटे तक ड्रामा किया। वह घर से जाने को इनकार कर रही थी।