धर्मशाला पहुंचे नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री और सरकार को आड़े हाथों लिया। मुख्यमंत्री के कांगड़ा दौरे पर सवाल उठाते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार किस बात से घबराई है। आज सरकार, मंत्री और अधिकारी सब कन्फ्यूज़ हैं। सरकार के मुखिया लोगों को शिमला से ज्ञान दे रहे थे लेकिन अपने आप धज्जियां उड़ाकर कुछ नहीं कहते हैं। कांग्रेस ने विरोध किया तो हमपर मुकद्दमे दर्ज हुए लेकिन मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं ने उल्लंघन किया तो कोई मुक्कद्दमा नहीं हुआ। आलम ये है कि अब प्रदेश में बीजेपी नेता, मंत्री और उनके स्टाफ के लोग संक्रमित निकल रहे हैं। एक तरह से प्रदेश में अब भाजपा सरकार का प्रयोजित कोरोना है।
अग्निहोत्री ने कहा कि महामारी में पहले वर्चुअल रैलियां कर प्रदेश का पैसा बर्बाद किया और अब सड़कों पर उतर कर केवल पथर लगा रहे हैं। प्रदेश में केवल पथर लग रहे हैं लेकिन धरातल पर एक भी काम नहीं हुआ। मुख्यमंत्री क्या प्लान लेकर चले हैं किसी को समझ नहीं आ रहा। भाजपा कहती है कि कोरोना से निपटने के लिए बहुत कुछ किया लेकिन क्या किया ये कोई नहीं जानता। ये सब झूठे दावे हैं और सरकार ने जनता को खतरे में डाला है। बड़े-बड़े नेता और यहां तक की राज्यपाल को क्वारंटीन होना पड़ा। मुख्यमंत्री अपने नेताओं तक की बात नहीं सुनते। आम आदमी के तो चालान तक काटे गए, लेकिन इनके लोग सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं इनपर कोई कार्रवाई नहीं होती।
पैसे का नहीं कोई हिसाब
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने खूब पैसा इक्टठा किया, लेकिन आज इसका कोई हिसाब नहीं है। कुछ असंवैधानिक लोग ने कोरोना के नाम पर लूट की लेकिन काम कोई नहीं किया। आज अस्पतालों की दूर्दशा हो चुकी है लेकिन सरकार को इसकी कोई सूध नहीं है। लोग इलाज के आभाव में मर रहे हैं जिनका जिम्मेदार कौन होगा। मुख्यमंत्री को इन सब बातों का हिसाब देना चाहिए। 3 साल होने को है लेकिन मुख्यमंत्री बताएं कि उनके पास किसी भी काम लेकर कोई स्ट्रैटजी या रणनीति है। कोई मॉडल सरकार या उनके मंत्रियों ने तैयार किया है। कोरोना पर पहले स्थिति ठीक थी लेकिन अब तो अधिकारियों को समझ नहीं आ रहा कि क्यां करें…??
आत्महत्याओं पर हुई कभी चर्चा?
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आज हिमाचल में आत्महत्याएं हो रही हैं। हिमाचल में गैंग रेप जैसी घटनाएं बढ़ रही है लेकिन सरकार इस मुद्दे पर चर्चा तो दूर दुख व्यक्त करना तक छोड़ दिया है। विपक्ष पर टिप्णी करते हैं, लेकिन प्रदेश के हालातों पर मुख्यमंत्री औऱ मंत्री कोई भी चर्चा नहीं करते। राजीव बिंदल के इस्तीफ पर सरकार ने क्यों सच्चाई नहीं बताई? सरकार के मंत्री क्यों बदले गए सरकार इसकी जानकारी जनता के सामने सार्वजनिक करें। एक विभाग को समझने में वक़्त लगता है लेकिन फ़िर विभाग बदलने का मतलब है कि जीरो से शुरू करना।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश अघोषित आपातकाल की स्थिति में है। हिमाचल सरकार के मुखिया ही नियमों को तोड़ रहे है। मीडिया का घले घोटने का प्रयास चल रहा है। मीडिया कर्मियों पर केस दर्ज हो रहे हैं औऱ अधिकारी उन्हें धमका रहे हैं। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री भी विपक्ष को मीडिया से हटाने पर लगे पड़े हैं। सरकार और उनकी कैबिनेट कैसे काम करती है वे सबके सामने आ चुका है। लेकिन जो भी काम हुआ है वे मुख्यमंत्री को बताएं।