हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र 7 से 18 सितंबर तक होने जा रहा है। जिसको लेकर तैयारियां ही शुरू हो गई है। 12 दिन के इस मॉनसून सत्र में 10 बैठकें रखी गई है। कोरोना काल में करवाए जा रहे इस मॉनसून सत्र के लिए विधानसभा प्रबंधन ने अभी से कमर कस ली है। सोशल डिस्टेंसिंग सहित करोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए विधानसभा सदस्य की हर सीट पर पॉलीकार्बोनेट सीट लगाई जाएगी। हर दिन दो बार विधानसभा को सेनेटाइज किया जाएगा। अखबार और चैनल से सीमित पत्रकारों को ही प्रवेशपत्र प्रदान दिया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने बताया कि मॉनसून सत्र के लिए विधानसभा सदस्यों से अभी से ऑनलाइन सवाल मंगवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विधानसभा के हर प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर मशीन लगाई जाएंगी। विधानसभा में आने वाले आगुन्तकों पर पूरी तरह से मनाही रहेगी। उन्होंने बताया कि हिमाचल विधानसभा में साल में 35 बैठकें आयोजित करना जरूरी है। बजट सत्र में कारोना के चलते सिर्फ़ 15 बैठकें ही हुई है। जबकि 20 बैठकें होना बाकि है। 10 बैठकें मॉनसून सत्र और बची 10 बैठकें शीतकालीन सत्र में आयोजित की जाएंगी।
उधर, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने मॉनसून सत्र की घोषणा के साथ ही सरकार पर हमले तेज़ कर अपने इरादे ज़ाहिर कर दिए हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार कारोना से निपटने के लिए पूरी तरह असफ़ल रही है। जयराम सरकार पलटू सरकार है जो सुबह फ़ैसले लेती है शाम को पलट जाती है। सरकार सत्र को लेकर देर आई लेकिन दरुस्त आई है। छः माह कर भीतर सत्र आयोजित करवाना पड़ता है। इसलिए सरकार ने सत्र बुलाकर कोई एहसान नहीं किया है। सत्र में सरकार से कोविड को लेकर जवाब मांगेगी, कारोना से निपटने पर सरकार की असफलता, कारोना काल में हुए घोटाले, विधायक निधि को ख़त्म करना जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब तलब किया जाएगा।