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चीनी जासूस द्वारा दलाई लामा से जुड़ी जानकारी जुटाने के मामले में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे !

मृत्युंजय पुरी |

दिल्ली में हवाला मामले में गिरफ्तार चीनी नागरिक लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग पर बौद्ध लामाओं को रिश्वत देकर धर्मगुरु दलाई लामा से जुड़ी जानकारी जुटाने के मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। चार्ली पेंग पर लगे आरोपों के चलते जांच में जुटी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और हिमाचल पुलिस ने चौंतड़ा में रहने वाले एक तिब्बतियन के बैंक अकाउंट में अवैध रूप से हवाला के जरिए पड़ोसी देश से रुपए ट्रांसफर करने के मामले में तीन तिब्बतियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। यह सारा लेनदेन एक राष्ट्रीयकृत बैंक के खाते से हुआ है। जांच में सामने आया है कि चार्ली पेंग ने अपने जासूसी के सीक्रेट ऑपरेशन का ट्रांजिट कैंप दिल्ली के मजनूं का टीला में बनाया हुआ था। वह कई लामाओं को रिश्वत देकर तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा और उनके सहयोगियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में जुटा था।

चीन की मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी पैसा भेजती थी

चीन की मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी इस काम के लिए चार्ली पेंग को हवाला से पैसे भेज रही थी। हवाला लेन-देन और जासूसी गतिविधियां वी-चैट ऐप के जरिए होती थीं। तीन संदिग्धों की प्रदेश में उपस्थिति से केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की पोल खुल गई है। राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामले होने की वजह से कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। हिमाचल प्रदेश में चीनी नागरिकों की उपस्थिति से सभी भली भांति वाकिफ हैं। लेकिन अभी तक न तो केन्द्र सरकार और न ही प्रदेश सरकार ने कोई ठोस कदम उठाए हैं। विदेशियों के लिए पास आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के गुप्त समर्थन द्वारा संचालित शुगदेन सम्प्रदाय आंदोलन के माध्यम से निर्वासित तिब्बतियों पर दलाई लामा के प्रभाव को समाप्त करने के लिए चार्ली पेंग को बौद्ध भिक्षुओं को रिश्वत देना एक कदम हो सकता है। दलाई लामा के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए चीन ने इसका तोड़ शुगदेन सम्प्रदाय को बढ़ावा देकर निकाला है। तिब्बत में अनेक देवी देवता संरक्षक देवता माने जाते है। इनमें तारा है, शिव है, काली है और ऐसे ही और देवी देवता। परन्तु एक देवता शुगदेन है जिनके उपासक तिब्बत की वर्तमान परम्परा एंव इतिहास को नकारते हैं। 

तिब्बत में दलाई लामा केवल धर्म गुरू ही नहीं है बल्कि वहां की राष्ट्रीयता के भी सबल प्रतीक माने जाते हैं। दलाई लामा इस अभ्यास को हतोत्साहित करते हैं और शुगदेन उपासक उन्हें अपनी मान्यताओं के लिए सताए जाने का आरोप लगाते हैं। एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या चीन द्वारा भारत में रहने वाले तिब्बतियों पर आध्यात्मिक गुरु की पकड़ को कम करने के लिए इस विद्वता का फायदा उठाया जा रहा है।