कोरोना काल में प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा लिए गये कुछ फैसलों के खिलाफ सीपीआईएम ने शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और किराया वृद्धि वापस लेने की मांग की। सीपीआईएम ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की सरकार कोरोना काल मे लोगों पर लगातार बोझ डालने का काम कर रही है। बसों के किराये में वृद्धि से जनता पर बोझ बढ़ा है। कोरोना के कारण हजारों लोगों का रोजगार छीना है। सरकार रोजगार देने में विफल साबित हुई है।
सीपीआईएम शिमला के राज्य सचिवालय सदस्य संजय चौहान ने कहा कि सीपीआईएम ने जन प्रतिरोध दिवस पर धरना प्रदर्शन कर मनरेगा में 200 दिन का रोजगार, आयकर दायरे से बाहर परिवार को 6 महीने तक 7500 सौ रूपये महीना देने, छः महीने तक प्रतिव्यक्ति 10 किलो राशन देने, स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पड़े पदों पर जल्द भर्ती करने और कोरोना की सैंपलिंग बढ़ाने की मांग की। जल्द मांगे पूरी न होने पर सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी।