शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने आज यहां प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के साथ लगते संवेदनशील क्षेत्रों के विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को एनसीसी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाएगा। प्रदेश सरकार की बजट घोषणा में एनसीसी के युवाओं को फौज/पैरामीलिट्री और पुलिस सेवाओं में भर्ती के लिए प्रोत्साहन के लिए आवश्यक बटालियन और कंपनियां स्थापित करने का प्रावधान रखा गया था। इसके लिए केन्द्र ने प्रदेश के रामपुर और डलहौजी स्थित एनसीसी कंपनियों को बटालियन में स्तरोन्नत करने की स्वीकृति प्रदान की है। इससे प्रदेश के और अधिक कैडेट ‘बी’ और ‘सी’ प्रमाण पत्र का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार धर्मशाला, ऊना और शिमला की एनसीसी कंपनियों को भी बटालियन में स्तरोन्नत करने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों के साथ निजी विद्यालयों के बच्चों को एनसीसी की गतिविधियों में सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया जाएगा। प्रदेश के 314 विद्यालयों और 64 महाविद्यालयों के 24 हजार 681 कैडेट्स को एनसीसी के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में वर्तमान में एनसीसी की तीन बटालियन, सात कंपनियां, एक एनसीसी एयर स्क्वाड्रन और एक एनसीसी नेवल यूनिट कार्यरत है।
प्रदेश में मण्डी जिला के बल्ह में एनसीसी अकादमी स्थापित करने के लिए भूमि चयनित की जा चुकी है, जिसमें से 17.19 बीघा भूमि शिक्षा विभाग को स्थानांरित कर दी गई है। इस अकादमी के स्थापित होने से प्रदेश के एनसीसी कैडेट्स को प्रदेश में ही प्रशिक्षण की सभी विशेष सुविधाएं उपलब्ध हो जाएगी। गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान एनसीसी कैडेट्स ने मास्क का उपयोग करने और सामाजिक दूरी का पालन करने के बारे में लोगों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभाई है।