इस मानसून सीजन की सबसे खतरनाक बारिश ने पूरे जिला को जल मग्न कर दिया । बुधवार रात को आसमानी बिजली की भयंकर गर्जना के साथ शुरू हुई बारिश पूरी रात जारी रही। इसी बीच बिजली भी गुल हो गई। डर के मारे लोगों ने जाग कर रात काटी क्योंकि आसमान से टूटते कहर के चलते किसी को नींद नहीं आई। सभी नदी नाले उफान पर रहे। सुबह भी पानी सड़कों से होकर बह रहा था। बिजली भी कई जगहों पर गुरूवार दोपहर के बाद ही बहाल हो पाई।
मंडी को जोड़ने वाले सभी नेशनल हाइवे भूसख्लन, पेड़ और खंबे गिरने से बंद रहे। हजारों वाहन इन मार्गों पर फंसे रहे। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्रवण मांटा ने बताया कि एक ही दिन की इस बारिश से लोक निर्माण विभाग, बिजली बोर्ड, जल शक्ति विभाग और अन्य विभागों का लगभग साढ़े दस करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि कोई जानी नुकसान तो नहीं हुआ मगर 5 घरों, 5 गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है। कई ट्रांसफर्मर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि गुरूवार को मौसम साफ रहने से अधिकतर सड़कें खोल दी गई है। बिजली की सप्लाई भी बहाल कर दी गई है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह नदी नालों के किनारे न जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में भी भारी बारिश होने की संभावना को देखते हुए लोग भ्रमण आदि पर जाने के कार्यक्रम स्थगित कर दें। जिले में इस बारिषश ने सभी सड़कों को बुरी तरह से तोड़ दिया है। अधिकांश नालियां मिट्टी भर जाने से बंद हो गई हैं। कई कलवर्ट भी मिट्टी से बंद हो गए हैं और पानी जमकर सड़कों से होकर बहा है। सड़कों पर पूरा दिन गंदे पानी के तालाब बने रहे। हालांकि, गुरूवार को दिन भर मौसम साफ रहा जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है।