संयुक्त पटवारी एवं क़ानूनगो महासंघ शिमला जिला की एक बैठक शिमला कर बचत भवन में आयोजित हुई जिसमें सरकार द्वारा क़ानूनगो और पटवारियों के लिए बनाई गई ट्रांसफर नीति का विरोध जताया गया और सरकार से इस पर राहत देने की मांग की गई। साथ ही पटवारी और क़ानूनगो के लिए शहरी और औधोगिक क्षेत्र की सीमा 8 किलोमीटर बाहर की शर्त पर पुनः विचार करके पटवार /क़ानूनगो क्षेत्र जोड़े जाने की मांग की है।
संयुक्त पटवारी एवं क़ानूनगो महासंघ के अध्यक्ष केडी मेहता ने बताया कि मांगो को लेकर एक ज्ञापन डीसी शिमला को सौंपा गया है और सरकार से पटवारियों की मांगों को लेकर गौर करने का आग्रह किया है। कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन में पटवारियों ने जान को जोखिम में डाल कर प्रवासी मजदूरों और जरुतमंदो को राशन इत्यादि पहुंचाने का काम किया है। ऐसे में पटवारियों और क़ानूनगो के साथ सरकार अन्याय कर रही है। जमीन की गल्दौरी को लेकर पटवारी और कानूनगो पर मौके पर न जाने आरोप गलत है। क्यूंकि पटवारियों को कई बार इलेक्शन ड्यूटी और अन्य कामों के लिए भी लगाया जाता है।