विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी का अपने स्तर पर आकलन खत्म हो चुका है। लेकिन, बड़े नेताओं के इस आकलन के बाद अब बीजेपी की ये मीटिंग राजनीतिक गॉसिप बनती नज़र आ रही है। क्योंकि, जिसतरह बीजेपी ने आकलन किया वह सिर्फ उनकी जीत के झंडिया दिखाता है।
दरअसल, इस मीटिंग के गॉसिप बनने का कारण बीजेपी नेताओं को बयान है। आकलन के बाद बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि हिमाचल में उनकी पार्टी 50 प्लस की सीटों पर जीत दर्ज करेंगी। लेकिन, इस बैठक में बीजेपी ने एक भी जगह से ये आकलन नहीं किया की किस जगह बीजेपी पीछे है औऱ हार रही है। कार्यकर्ताओं और नेताओं ने एक बार फिर किसी भी सीट पर हार होने की बात तक नहीं की।
यहां तक की अर्की विधानसभा से भी बीजेपी ने 2 हजार की लीड से जीत का दावा किया। इसके साथ ही नगरोटा, हरोली, शिमला ग्रामीण जैसी सीटें भी बीजेपी को कड़ी चुनौती देने वाली हैं, लेकिन बीजेपी नेताओं की फीडबैक इनपर भी पॉस्टिव ही आई है।
इसका सीधा मतलब है कि यदि बीजेपी 68 प्लस सीटों की फीडबैक ले रही है औऱ बाहर आकर 50 सीटों का दावा करती है। तो ऐसी कौन सी 18 सीटें है जिनमें बीजेपी हारने वाली हैं। हालांकि, बैठक में बीजेपी ने इन 18 सीटों पर भी पॉस्टिव फीडबैक निकालती है, लेकिन बाहर आने के बाद ये 18 सीटें बीजेपी की लिस्ट से गायब हो गई और 50 प्लस के दावे होने लगते हैं।
खैर जो भी हो प्रदेश के नेतृत्व कर चुके नेता प्रेम कुमार धूमल और शांता कुमार जैसे दिग्गजों की अगुवाई में हुआ बीजेपी का ये मंथन कितना जिम्मेदारी से लिया गया है। इसका पता तो 18 दिसंबर को ही लगेगा।