मशहूर उपन्यासकार एवं लेखक डा. गंगाराम राजी को प्रतिभा पुष्प सम्मान प्रदान किया गया। रविवार को होटल राजमहल में आयोजित सादे एवं गरिमामय समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया। देश के विख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवं सिंध के गांधी के नाम से मशहूर स्वामी कृष्णानंद के जीवन पर आधारित ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखे गए उपन्यास सिंध का गांधी उपन्यास पर स्वामी कृष्णानंद के परिवार की ओर से यह प्रतिभा पुष्प सम्मान प्रदान किया गया। जिसमें पचीस हजार रूपए की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई। इस पुरस्कार के आयोजक प्रतिभा एवं पुष्पराज कपूर जो मंडी निवासी हैं लेकिन वे आजकल अमरिका के न्यूटोन सिटी में रहते हैं। कोविड की वजह से वे इस समारोह में नहीं आ पाए। उन्होंने अपने संदेश में डा. गंगाराम राजी को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने डा. गंगारात राजी के दोनों ही ऐतिहासिक उपन्यास जो उन्होंने मंडी के स्वतंत्रता सेनानियों एक थी रानी खैरागढ़ी और सिंध का गांधी कृतियां पढ़ी और आनंदित भी हुए। उन्होंने डा. गंगाराम राजी को स्वामी कृष्णानंद पर उपन्यास लिखने केलिए प्रेरित किया था।
वहीं पर डा. गंगाराम राजी ने कहा कि यह सम्मान उनके लिए बहुत महत्व रखता है। अपनों के बीच अपनों द्वारा सम्मानित करना गौरवान्वित करता है। उन्होंने कहा कि स्वामी कृष्णानंद जिनका नाम हरदेव था। वे मंडी में भले ही पैदा हुए मगर उनकी कर्मभूमि सिंध रही है। जहां उन्होंने सिंधी समाज केलिए काम किया और उन्हें देश के पहले गृहमंत्री वल्लभ भाई पटेल ने सिंध का गांधी की उपाधी दी थी। उन्होंने कहा कि स्वामी कृष्णानंद सिंध में इतने लोक प्रिय थे कि उन्होंने वहां के राजा के खिलाफ चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। बंटवारे के दौरान उन्होंने दस लाख से भी अधिक सिंधियों को कराची से समुद्री जहाज के द्वारा मुंबई पहुंचाया था। मगर आज मुंबई के लोखनवाला में सिंधी समाज की नई पीढ़ी उन्हें नहीं जानती है। जबकि कुछ बुजूर्ग आज भी उनकी याद करते हैं।