डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि मंडी जिला में सरकारी क्षेत्र का पहला नशा निवारण केंद्र जल्द ही शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्त भारत अभियान के तहत मंडी जिला प्रशासन ने इसकी प्रपोजल बनाकर राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को भेज दी है। बता दें कि मंडी जिला में सिर्फ एक ही नशा निवारण केंद्र चल रहा है जोकि नीजि क्षेत्र का है। यहां पर नशे के आदि व्यक्तियों को रखने की एवज में फीस देनी पड़ती है। लेकिन अब सरकारी क्षेत्र में नशा निवारण केंद्र बनने से यह सुविधा निशुल्क मिलेगी।
डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार से इसकी स्वीकृति मिलते ही शुरूआती दौर में इसे किसी सरकारी भवन में अस्थायी रूप से शुरू कर दिया जाएगा जबकि बाद में इसका अपना अलग से भवन बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि नशा मुक्त भारत अभियान के लिए नशा निवारण केंद्र का होना बेहद जरूरी है और यही कारण है कि प्रशासन ने यह प्रपोजल बनाकर केंद्र सरकार को भेजी है। इसका सारा संचालन जिला रैडक्रास सोसायटी के माध्यम से किया जाएगा
गौरतलब है कि नशा मुक्त भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार ने देश के 272 जिलों को चिन्हित किया है जहां पर ड्रग्स सहित अन्य प्रकार के नशों का प्रचलन काफी ज्यादा बढ़ रहा है। इसमें हिमाचल प्रदेश के चार जिलों को शामिल किया गया है। इनमें मंडी, शिमला, कुल्लू और चंबा जिला शामिल हैं। इन सभी जिलों में नशा मुकत भारत अभियान बीती 15 अगस्त से शुरू कर दिया गया है जो आने वाली 31 मार्च तक जारी रहेगा और इसके तहत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाएगा।