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शिमला: मॉनसून सत्र से पहले हुई विधायक दल की बैठक, 800 सवालों पर सरकार से मांगा जाएगा जवाब

पी. चंद शिमला |

कारोना काल के बीच हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र 7 से 18 सितंबर तक होने जा रहा है। 12 दिन के इस मॉनसून सत्र में 10 बैठकें रखी गई है। मॉनसून सत्र को लेकर आज सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया। बैठक में विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज और विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, राकेश सिंघा मौजूद रहे। करोना कॉल में करवाए जा रहे इस मॉनसून सत्र के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सहित करोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए विधानसभा सदस्य की हर सीट पर पर सीट पर पर पॉलीकार्बोनेट सीट लगाई गई है। जिनपर 4 लाख के करीब ख़र्चा आया है। इसके अलावा 2000 पास की जगह सिर्फ़ 400 पास ही जारी किए जा रहे है। 577 सवाल सदस्यों की तरफ से आएंगे।

विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने बताया कि मॉनसून सत्र के लिए विधानसभा सदस्यों से अभी से ऑनलाइन सवाल मंगवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विधानसभा के हर प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर मशीन लगाई जाएंगी। विधानसभा में आने वाले आगुन्तको पर पूरी तरह से मनाही रहेगी। सत्र के दौरान स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम मौजूद रहेगी। थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी यदि किसी व्यक्ति का तापमान सामान्य से ज्यादा पाया जाता है तो उसको आइससोलेशन में रखा जाएगा। सदस्य पीएसओ या निज़ी सहायक में से एक ही लाए। दिन में दो बार विधानसभा परिसर को सेनेटाइज किया जाएगा। मीडिया हाउस में भी एक ही पत्रकार को आने की इजाज़त दी है। 577 तारांकित और 228 अतारांकित सवाल पूछे गए है।  62, 101 और 103 के तहत कई मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

उधर, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार पर हमले तेज़ कर अपने इरादे ज़ाहिर कर दिए हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार कारोना से निपटने के लिए पूरी तरह असफ़ल रही है। स्वास्थ्य विभाग में घोटाले हुए कारोना काल में कई भ्रष्टाचार हुए। सत्र में सरकार से कोविड को लेकर, कारोना से निपटने पर सरकार की असफलता, कारोना काल में हुए घोटाले, विधायक निधि को ख़त्म करना जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब तलब किया जाएगा। प्रदेश की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है सरकार कर्ज़ की वैशाखियों के सहारे चल रही है। केन्द्र मदद नहीं कर रही है। प्रदेश में विकास कार्य ठप हो गए हैं।

बता दें कि हिमाचल विधानसभा में साल में 35 बैठकें आयोजित करना जरूरी है। बजट सत्र में कारोना के चलते सिर्फ़ 15 बैठकें ही हुई है। जबकि 20 बैठकें होना बाकि हैं। 10 बैठकें मॉनसून सत्र और बची 10 बैठकें शीतकालीन सत्र में आयोजित की जाएंगी।