जिला ऊना के टाहलीवाल में युवाओं के लिए कोई भी खेल मैदान न होने के चलते उन्हें खेलने के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता है। जिसके लिए समाज सेवियों ने एक सरकारी भूमि की निशानदेही की मांग की है ताकि उस पर एक खेल मैदान बनाया जा सके। जानकारी के अनुसार आज से तकरीबन 15 साल पहले टाहलीवाल में साल में दो बार खेल मेला लगता था। इस खेल मेले को शहीद अमोल कालिया की याद में मनाया जाता था लेकिन उस समय भी युवाओं के खेलने के लिए अस्थाई ग्राउंड का इस्तेमाल होता था। कभी फसल की कटाई के बाद खेतों में खेलना पड़ता था या फिर कहीं पर अस्थाई ग्राउंड बनाकर।
समय के साथ-साथ अस्थाई ग्राउंड भी खत्म हो गए और फिर कभी खेल मेला न हो सका ऐसे में अब एक बार फिर से टाहलीवाल गांव के युवाओं को ग्राउंड मिलने की लौ जगी है। इसी संदर्भ में आज समाजसेवियों ने पहल करते हुए तहसीलदार हरोली से टाहलीवाल में एक सरकारी भूमि की निशानदेही करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि दर्जनी कनाल भूमि की निशानदेही हो जाए तो यहां पर युवाओं के लिए खेल मैदान बनेगा। इससे युवा वर्ग खेलों की ओर आकर्षित होगा। वहीं, सेना और पुलिस में भर्ती होने की इच्छा रखने वाले युवाओं को भी प्रेक्टिस करने को ग्राउंड उपलब्ध हो जाएगा। गांव की गौशाला के लिए भी चारे की बिजाई का प्रबंध हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि लगभग 90 कनाल भूमि का यह टुकड़ा मेन रोड के साथ है। अगर यहां पर ग्राउंड बनता है तो क्षेत्र के बच्चों की प्रतिभा और भी ज्यादा निखरेगी। यदि जल्द निशानदेही करवा कर इस स्थान पर खेल मैदान का निर्माण कर जल्द एक बड़ा खेल मेला भी करवाया जाएगा। क्रिकेट के साथ-साथ फुटवॉल और बॉलीवाल के खिलाड़ियों के लिए भी यह ग्राउंड उनके काम आएगा। आज के समय में युवा वर्ग को खेलों में रुचि लेनी चाहिए लेकिन खेल मैदान न होने का चलते युवा वर्ग इस ओर आकर्षित नहीं हो पा रहा है। उन्होंने तहसीलदार से कहा कि इसी महीने में यह ग्राउंड युवाओं को समर्पित किया जाएगा और कुछ भूमि गौशाला को दी जाएगी। वहीं, नायब तहसीलदार ने कहा कि टाहलीवाल के समाजसेवियों ने सरकारी भूमि की निशानदेही बारे आवेदन किया है जिसपर फील्ड से रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई होगी ।