धर्मशाला में उपायुक्त कार्यालय के बाहर पूर्व सांसद डॉ राजन सुशांत आज अपने साथियों के साथ सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जनवरी 2004 में जो सरकार ने कर्मचारी विरोधी नई पेंशन स्कीम लागू की थी उसमें सारा कर्मचारी वर्ग प्रभावित हुआ है क्योंकि 2004 से पहले जो कर्मचारी 50 हजार रुपये सैलरी लेता था उसे रिटायर्डमेन्ट के दौरान 25 हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलते थे।
इसके बावजूद नई पेंशन स्कीम के तहत जिस कर्मचारी को 50 हजार रुपये सैलरी मिलती हो उसे रिटायर्डमेन्ट के दौरान 2000-2500 रुपये पेंशन के रूप में मिलती है। कर्मचारी ने अपनी नौकरी के दौरान घर, गाड़ी या फिर बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन लिया होता है। इतनी कम पेंशन में उस कर्मचारी का खर्चा चलना मुश्किल हो जाता है और आखिर में नतीजा यह निकलता है कि उसे आत्म हत्या करनी पड़ती है।
डॉक्टर राजन सुशांत ने कहा कि अगर कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल नहीं करनी है तो सभी विधायक और मंत्री अपनी पेंशन का त्याग करें। उन्होंने स्वयं अपनी पेंशन का त्याग किया है। लेकिन अपने आपको सिद्धांतवादी कहलाने वाले नेता अपनी पेंशन नहीं त्यागना चाहते है। कोरोना महामारी के दौरान जहां शोशल डिस्टनसिंग बहुत आवश्यक है। वहीं, इस धरने में पुलिस के सामने शोशल डिस्टनसिंग की खूब धज्जिया उड़ती दिखी है।