पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना प्रतिकूल मौसम खतरों से उत्पन्न अनुमानित फसल नुकसान के कारण किसानों के वित्तीय नुकसान की भरपाई करती है। इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश सरकार ने ऊना जिले में मौसम आधारित फसल बीमा के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी को अनुमोदित किया है। जिसमें जिला के अंब, गगरेट, हरोली और ऊना विकास खंड में आलू की खेती करने वाले सभी किसानों को बीमा करवाने की सुविधा प्रदान की गई है।
कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत किसान अपनी स्वेच्छा से बैंक, लोकमित्र केंद्र या बीमा कंपनी से करवा सकते है। आलू का बीमा कराने के लिए किसान को प्रति बीघा 300 रुपए की राशि से बीमा कराने पर 6000 रुपए बीमित राशि होगी, जिसकी कवरेज समय सीमा 1 सितंबर से 30 नवंबर 2020 तक होगी। कंवर ने कहा कि यह बीमा पूर्णत: मौसम आधारित बीमा है, जो कि संदर्भित मौसम स्टेशनों के प्रमाणित आंकड़ों पर आधारित है। इस योजना में सभी प्रकार के दावों का निपटान स्वचालित प्रक्रिया द्वारा किया जाता है जिसके अन्तर्गत मौसम में विभिन्न प्रकार के बदलाव से होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है।
उन्होंने कहा कि कम वर्षा, अधिक वर्षा, बिन मौसम वर्षा, लगातार वर्षा या शुष्क दिनों, उच्च तापमान या निम्न तापमान जैसे प्रतिकूल मौसम से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई किसान को इस योजना के माध्यम से की जाती है। इस योजना की विशेषता है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी प्रकार का क्लेम करने की आवश्यकता नहीं होती। मौसम से संबंधित आंकड़ा प्राप्त होते ही दावे की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। दावा प्रसंस्करण पूर्णत: टर्म शीट, भुगतान ढांचा और योजना के प्रावधानों के अनुसार होता है। जोखिम अवधि के समाप्त होने के 45 दिनों के अंदर सभी मानक दावों पर कार्रवाई की जाती है और भुगतान किया जाता है।