मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से स्टार्ट अप योजना और मुख्यमंत्री स्वाबलंबन योजना के लाभार्थियों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वाबलम्बन योजना के अन्तर्गत प्रदान किए जाने वाले अनुदान को ट्रेजरी के बजाय नोडल बैंकों से आबंटित करने और 60 प्रतिशत अनुदान अग्रिम किस्त के रूप में प्रदान करने की अधिसूचना जारी कर दी है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इसके अतिरिक्त लाभार्थियों को ब्याज अनुदान एक वर्ष की बजाय 6 महीने बाद जारी किया जाएगा। सरकार ने नई गतिविधियां जैसे ई-रिक्शा, सौर ऊर्जा युक्त थ्री व्हीलर, छोटी मालवाहक गाड़ी, मोबाइल फूड वैन इत्यादि को इस योजना के अन्तर्गत शामिल करने का निर्णय लिया है। लाभार्थियों की सुविधा के लिए प्रत्येक कार्य के लिए समय सीमा तय की गई है।
बैंकों द्वारा एक माह के भीतर ऋण स्वीकृति प्रदान की जाएगी और महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र द्वारा व्यावसायिक उत्पादन के तहत 15 दिन के भीतर शेष अनुदान आबंटित किया जाएगा। यह योजना मई 2018 में युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से आरम्भ की गई थी। पिछले वर्ष 1415 युवाओं ने इस योजना में रूचि दिखाई और पिछले कुछ महीनों में 536 युवाओं ने योजना का लाभ प्राप्त किया। सरकार द्वारा इस योजना के अन्तर्गत इस वर्ष 2000 युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस योजना को और आकर्षित बनाने के लिए युवाओं और लाभार्थियों के सुझावों पर राज्य सरकार द्वारा विभिन्न संशोधन किए गए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में यह योजना राज्य के युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। अगर इस तरह की योजना उनके युवा काल के दौरान होती तो उन्होंने राजनीति में न आकर योजना के लाभ प्राप्त करके स्वरोजगार को अपनाया होता।
इस योजना के अन्तर्गत उद्योग मशीनरी के लिए 40 लाख की अधिकतम सीमा के साथ पुरूषों के लिए 25 प्रतिशत, महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत और विधवाओं के लिए 35 प्रतिशत निवेश अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इस कार्य के लिए बैंकों द्वारा परियोजना लागत का 90 प्रतिशत स्वीकृत किया जाएगा जबकि लाभार्थी का हिस्सा मार्जिन मनी के रूप में 10 प्रतिशत होगा। जयराम ठाकुर ने लाभार्थियों की सुविधा के लिए योजना का मोड्यूल भी ऑनलाइन जारी किया।