प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने शिव सेना नेता संजय राउत द्वारा कांगना रणौत को लेकर किए गए शब्दों को शर्मशार करने वाला बताया है। शांता ने कहा कि संजय राउत ने कंगना के लिए जिन शर्मनाक शब्दों को प्रयोग किया है उन्हें याद आते ही शर्म से सिर झुक जाता है। संजय राउत को इन शब्दों को प्रयोग करते समय शर्म क्यों नहीं आई। साथ ही उन्होंने कंगना और उनके परिवार से आग्रह किया है कि वह अभी मुंबई न जाए। क्योंकि कोरोना ही नहीं यह दूसरी बीमारी भी अभी वहां है। कंगना बेटी अभी मनाली में ही आराम करे और यह सब कुछ भूल जाए।
शांता ने कहा कि न मैं दोहराऊंगा और न ही याद करूंगा। क्योंकि मुझे याद आ गया कि महात्मा बुद्ध जा रहे थे। कुछ विरोधी सामने आए और गालियां देने लगे। यह सब देख महात्मा बुद्ध खड़े हो गए और मुस्कराने लगे। गालियां देने वाले थक गए । तब महात्मा बुद्ध ने पूछा आपने कुछ और देना है यह सुन उन्हें बहुत शर्म आई। बुद्ध ने कहा आपने जो भी दिया मैंने तो लिया नहीं- देखो मेरे कपड़े वैसे के वैसे ही हैं वो सारी गालियां तुम्हारे ऊपर लगी है। मुझे बहुत दुख है, कह कर बुद्ध ने हाथ जोड़े और चले गए।
उन्होंने कंगना रणौत परिवार को कहा है कि बुद्ध के साथ तो 25-30 लोग थे जिन्होंने वे गालियां उन लोगों पर फेंकी परन्तु भारत के करोड़ों लोगों ने वह गन्दगी सजंय राउत पर फैंकी है। उनका मुंह ही गंदा नहीं हुआ वे बेचारे उस गंदगी में सिसक रहे हैं। उन्होंने कहा ”मेरे लंबे सार्वजनिक जीवन में भी बहुत कम पर कुछ ऐसे मौके आये थे। मैं ने महात्मा बुद्ध को याद करके यही किया और आज अपनी मजिंल पर पहुंच गया।“ शांता ने कंगना रणौत को कहा कि वह भी मुस्काराये, भूल जाएं और आगे बड़ें। हम सब नहीं पूरा देश उससे बहुत कुछ आशा लगाये बैठे हैं। इस छोटे जीवन में प्रभु कृपा से उसने बहुत कर लिया है। परन्तु उसका उज्जवल भविष्य उसके सामने है। उन्होंने कहा कंगना को ”मणिर्कणिका“ से बहुत आगे जाना है।