विधानसभा मॉनसून सत्र के चौथे दिन जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने बीते कल मुख्यमंत्री के शब्दों पर आपत्ति की जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि वह वेल में बैठकर तालियां बजा रहे हैं। अगले जन्म में तालिया बजाकर आएं। बेशर्म औऱ बेहया विपक्ष के सदस्यों को कहा साथ ही वेतन काटने को लेकर जो मुख्यमंत्री ने कहा वह सदन की कार्यवाही से हटाया जाए और मुख्यमंत्री इस पर माफ़ी मांगे।
इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा का जबाब दे रहे थे। तब विपक्ष ने चोर, दलाल और पाकिस्तान जैसे नारे लगाए गए उन्होंने तो कुछ नहीं कहा। तालिया बजाने का अभिप्राय ये था कि अगले जन्म में जब आप पैदा हो तो खुशी की तालिया बजें।
इस पर विपक्ष ने असंसदीय शब्द कहने पर ऐतराज़ जताया औऱ इस शब्दों को वापिस लेने की मांग उठाया। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि यदि चर्चा में कोई आपत्तिजनक शब्द आए होंगे तो उसकी छानबीन की जाएगी। विपक्ष इतने पर भी नही माना और मुख्यमंत्री से माफ़ी की मांग करने लगे। विपक्ष ने कहा कि जब विधायकों के वेतन को काटने का बिल आ रहा है तो मुख्यमंत्री कैसे कह रहे है कि विपक्ष वेतन वापिस करने की बात कह रहा है।
इसी बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उठे औऱ कहने लगे कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी विपक्ष का व्यवहार भी सदन में नारेबाज़ी का नहीं होना चाहिए। इस पर दोनों पक्षों में तीख़ी नोकझोंक शुरू हो गई। संसदीय कार्य मंत्री ने भी विपक्ष को समझाया व प्रश्नकाल चलाने की अपील की। आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर 25 मिनट खराब करने के बाद प्रश्नकाल शुरू हो गया।