शिमला के पीटर हॉफ में आयोजित औद्योगिक मूल्य संवर्धन परिचालन के लिए कौशल सुदृढ़ीकरण की दूसरी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता तकनीकी शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ रामलाल मार्कण्डेय ने की। उन्होंने बताया कि स्ट्राईव परियोजना के तहत चयनित 19 आईटीआई को लगभग 30 करोड़ 70 लाख 65 हजार रुपये की राशि संस्थागत सुधार और कौशल विकास कार्यक्रमों की प्रासंगिकता को बेहतर बनाने के लिए प्रदान किए जाएंगे, जिसके तहत वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 12 करोड़ 24 लाख रुपए की राशि 19 आईटीआई में आवंटित की गई है। परियोजना का समापन नवंबर, 2022 में होगा।
उन्होंने बताया कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य आईटीआई औऱ प्रशिक्षुक्ता प्रशिक्षण के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले कौशल प्रशिक्षण की प्रासंगिकता और दक्षता में सुधार करना है। प्रत्येक आईटीआई को प्रमुख प्रदर्शन संकेतक तय किए गए हैं। जिसकी निगरानी करने के पश्चात ही धन को आवंटित किया जाएगा, जिसमें महिला नामांकन की प्रतिशतता में वृद्धि, कुल नामांकन में वृद्धि, प्रशिक्षुकों पास आउट की संख्या को बढ़ाना, एवं नौकरी की प्रतिशतता को बढ़ाना शामिल है। स्ट्राईव के तहत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में अधिक से अधिक छात्राओं का पंजीकरण सुनिशित कर कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाए औऱ उसके लिए सभी सम्भावनाओं पर विचार कर अधिकारी गम्भीरता से कार्य करें। चयनित की गई सभी आईटीआई को सबसे अच्छा अवसर प्राप्त हुआ है। अपने आईटीआई में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य संवार सकते हैं। किसी भी प्रकार की समस्या से निपटने के लिए विभाग से बात करें ताकि आ रही समस्याओं का निदान हो सके।
उन्होंने अधिकारियों को इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग करने वाले बच्चों को हॉस्टल का प्रावधान करने के आदेश दिए। सभी आईटीआई प्रधानाचार्य को एक दूसरे के साथ प्रगतिशील विचार को शेयर करने को कहा, ताकि एक दूसरे के साथ मिलकर बेहतर कार्य का निष्पादन हो सके। उन्होंने बताया कि सभी 19 आईटीआई आधुनिकीकरण की ओर अग्रसर हो औऱ पाठ्यक्रम के हिसाव से संयंत्रोंध्उपकरणों को भी अपग्रेड करें। सभी आईटीआई में ड्राइविंग कोर्स शुरू करवाए, जिसे महिलाओं का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित हो सके। सभी प्रिंसिपल को आईटीआई में सीसीटीवी कैमरा लगाने के आदेश दिए। शिक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा, शिकायत मिलने पर उस व्यक्ति को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया जाएगा। एक आईटीआई में कार्यरत दो प्रधानाचार्य में से एक प्रधानाचार्य को खाली पद पर तैनात किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ड्रॉपआउट बच्चों को आईटीआई में प्रवेश दिलाने की कोशिश की जाएगी ताकि वह बच्चा भी आत्मनिर्भर बन सकें। अच्छा कार्य करने पर राज्य औऱ केंद्र से निश्चित तौर पर अधिक पैसा दिया जाएगा। आईटीआई में चल रहे पुराने ट्रेड के साथ-साथ उपयोगिता के हिसाब से शॉर्ट टर्म नए ट्रेडों को शुरू करने के आदेश भी दिए। सभी आईटीआई स्कूलों में जाकर जमा दो के बच्चों के साथ आईटीआई के बारे में परामर्श करें ताकि आईटीआई मैं पढ़ रहे बच्चों की संख्या और अधिक बढ़ सके।