पूर्व मंत्री जीएस बाली ने खराब सड़कों पर प्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने फेसबुक के माध्यम से पोस्ट कर कहा कि नारों- लारों में उलझी सरकार और उसके क़ैडर के लिए इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता। मुख्य सड़कों की यह हालत है तो ग्रामीण मार्गों को कौन पूछता होगा। राष्ट्रनिर्माण का ढकोसला पीटते हैं, और प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) की खराब हालत कर दी है ।
सत्ता पक्ष के विधायकों की बोलतियां बंद हैं, अपनी ही सरकार और अफ़सरशाही में उनकी कोई पूछ नहीं है। विधानसभा सत्र में पांच दिन गुज़ारकर मेजे थप-थपाकर शिमला से घर आ जाते हैं। उन्हें ये सड़कें गड्ढे, हादसे इनसे जुड़े सवाल नहीं दिखते? फ़ोर लेन तो चुनावी जुमला निकला पर जो बना है उसे तो सही रख रखाव करवाया जाए। गड्ढे भरने निकली ये जनता, किसी पार्टी क़ैडर की नहीं। नकारा सरकार और उसके नुमाइंदों से उम्मीद छोड़ चुकी आम जनता है। वहीं, जीएस बाली ने हिंदी दिवस की बधाई भी दी है।