दो दिन के अवकाश के बाद सोमवार दोपहर बाद विधानसभा का सत्र शुरू हुआ। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कांग्रेस विधायक सुंदर सिंह ठाकुर के मामले को सदन में उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने सफाई दी लेकिन मुख्यमंत्री से जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। वहीं, सीपीएम विधायक राकेश सिंघा ने भी वाकआउट का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि ये लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों पर ख़तरा है आज एक विधायक के साथ ऐसा हुआ कल दूसरे के साथ होगा इसलिए वह इसका विरोध करते हैं।
अग्निहोत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना की आड़ में ऑफिस को सील किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी ऑफिस को सील करने का काम मेजिस्ट्रेट कर सकता है, लेकिन एसली ने खुद ही इसे सील कर दिया। मुख्य सचिव ने आदेश दिया है कि यदि एक-दो मामले आते हैं तो ऑफिस को सील नहीं किया जा सकता। ऑफिस को सेनिटाइज किया जाए, लेकिन एसपी ने खुद ही आदेश दिए और यह साजिश है कि विधायक को कंटेनमेंट जोन में अंदर रखा जाए। यदि करना था तो इससे पहले विधानसभा को सूचित किया जाता। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने एसपी के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की और कहा कि किस आदेश के तहत एसपी ने ऑफिस को सील किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तरफ से एसपी कुल्लू के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने से नाराज विपक्ष ने विधानसभा से वॉकआउट किया। विपक्ष चाहता था कि विधायक को एसपी ऑफिस में बंद करने के लिए मुख्यमंत्री एसपी के खिलाफ कार्रवाई करें।
वहीं, सीएम ने कहा कि 10 लोग वहां विधायक के साथ एसपी कार्यालय के अंदर धरने पर बैठे। उनसे आग्रह किया कि उठ जाएं, उनकी बात आ चुकी है। उनकी मांग है कि महेश्वर सिंह को गिरफ्तार किया जाए। आज सुंदर ठाकुर ने सभी कांग्रेसजनों को वहां आमंत्रित किया। सीएम ने कहा कि इस मामले को कंगना का मुद्दा न बनाएं। गलत कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सदन में जिम्मेदारी के साथ बात कही है। किसी भी विधायक और मंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। इस मामले में हर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद छानबीन की जाएगी।