कंगना रनौत के साथ बदले की भावना से कामकर रही है। लोकसभा में कंगना रनौत का मुद्दा उठाते हुए सांसद रामस्वरूप शर्मा ने यह शब्द कहे। लोकसभा में उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हिमाचल की बेटी ख्याति प्राप्त सिने अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ जो व्यवहार महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने किया है मैं उसकी कड़ी भर्त्सना करता हूं। सदन का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि इस होनहार बेटी ने बॉलीवुड में नशा-माफिया के वर्चस्व की और सरकार का और पुलिस का ध्यान आकर्षित करना चाहा । बदले में उसे अशोभनीय गालियां दी गईं और उनका 38 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ऑफिस उनकी अनुपस्थिति में तोड़ दिया गया ।
यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र से चले जाने तक की धमकी दी । इस बहादुर बेटी ने चुनौतीयों का डट कर मुकाबला किया और गत 9 तारीख़ को वह मनाली से मुम्बई पहुंची। मैं आभारी हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का जिन्होंने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर उसे अवांछनीय तत्वों की चुनौतियों का सामना करने के योग्य बनाया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुरने इस मुद्दे पर कंगना रनौत का पूरा साथ दिया।
शिव सेना जो वास्तव में शिवाजी महाराज के आर्दशों पर चलने वाली और पूज्य बाला साहब ठाकरे के संरक्षण में बढ़ने वाली सेना नहीं रही। अब तो यह कांग्रेस-सेना बन कर रह गई है, जिसने महाराष्ट्र को अपनी निजी सम्पति समझ रखा है । इसी कारण कंगना जैसी मेधावी अभिनेत्री को "हरामखोर" जैसी अशोभनीय गालियां वरिष्ठ शिवसेना नेता द्वारा दी गई जो कि अति शर्मनाक है। कंगना रनौत बॉलीवुड की ऐसी अभिनेत्री हैं जिसने थोड़े ही समय में हिंदी सिनेमा जगत में अपनी पहचान बनाई है। उसे पद्मश्री से भी अलंकृत किया गया है ।
कंगना रनौत का केवल एक ही कसूर है कि उसने राष्ट्रवाद का अपना एजेंडा निर्भय होकर स्वीकार किया है। महाराष्ट्र सरकार के इस प्रयास की भरसक निंदा की जानी चाहिए क्योंकि इस प्रकार की कुंठित सोच देश के लिए हानिकारक हो सकती है।