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नेरचौक अस्पताल के HOD डॉक्टर प्रदीप की कोरोना से मौत, विभाग में हड़कंप

बीरबल शर्मा |

रविवार का दिन हिमाचल के इतिहास में स्वास्थ्य महकमे और स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से काला दिन माना जाएगा। प्रदेश में नरेचौक मेडिकल कॉलेज का हैड आफ डिपार्टमेंट की कोरोना से मौत हो गई। प्रोफेसर डॉक्टर प्रदीप बंसल पंजाब के पटियाला के रहने वाले थे। मौत कोरोना के कारण रविवार सुबह दस बजे हुई तो पूरे चिकित्सा क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। नेरचौक मेडिकल कालेज में प्राचार्य डॉक्टर आर सी ठाकुर की अध्यक्षता में एक शक सभा का आयोजन करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

नेरचौक अस्पताल के वरिश्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जीवा नंद चौहान ने बताया कि 10 जनवरी 1960 को जन्मे डॉ प्रदीप बंसल को लगभग दो सप्ताह पहले ही कोरोना पॉजटिव होने का पता चला। उनकी डॉक्टर बेटी जो सराज क्षेत्र के बगस्याड बाड़ा में चिकित्सक है, वहां पर काम करते हुए कोरोना पॉजटिव पाई गई थी। इसके बाद पूरा परिवार आइसोलेन में चला गया था मगर डॉ बंसल भी इसकी चपेट में आ गए। उनका इलाज नेरचौक में किया गया और बाद में उन्हें आईजीएमसी शिमला में भेज दिया गया जहां वह कुछ दिन वेंटीलेटर पर रहे। हालत ज्यादा बिगड़ जाने पर उनके परिजन उन्हें मोहाली के एक निजी अस्पताल में ले गए मगर वह बच नहीं सके।

इस दौरान कोरोना पॉजटिव उनकी बेटी भी साथ रही। अब एक विभागीय हैड जो अभी महज 60 साल के थे को ही प्रदेश के बड़े अस्पताल बचा नहीं पाए तो इसे लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। 

इधर, मंडी के नेरचौक मेडिकल अस्पताल में रविवार को दो और लोगों ने भी दम तोड़ा। इस बारे में जानकारी देते हुए वरिश्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जीवा नंद चौहान ने बताया कि 62 साल के एक व्यक्ति जो एचआईवी पॉजटिव के चलते 10 सितंबर को मेदांता गुड़गांव में इलाज करके लौटे और कोरोना पॉजटिव निकले थे को 13 सितंबर को नेरचौक मेडिकल कालेज लाया गया था। इनकी कई अन्य शारीरिक बीमारियों के चलते रविवार सवा 12 बजे निधन हो गया। यह व्यक्ति कुलबंत सिंह बिलासपुर जिले के बैरी का रहने वाला था।

एक अन्य मामले में मंडी शहर के साथ लगते गांव टिल्ली  केहनवाल की 60 साल की गायत्री देवी का भी रविवार को साढ़े 12 बजे निधन हो गया। गायत्री देवी को जोनल अस्पताल मंडी भर्ती किया गया था जहां से उसका टेस्ट कोरोना पॉजटिव आने पर उसे मेडिकल कालेज लाया गया मगर जब चिकित्सकों ने उसे बीती आधी रात साढ़े 12 बजे चेक किया तो उसका निधन हो चुका था। इसके साथ ही मंडी जिले में ही अब तक 15 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। अब तक लगभग 1300 लोग कोरोना से प्रभावित हो चुके हैं जिनमें से 700 के लगभग एक्टिव मरीज हैं।