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हिमाचल में चाइनीज बसों ने मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ को किया फीका

समाचार फर्स्ट |

हिमाचल के मनाली- रोहतांग पास में सितंबर से 2 इलैक्ट्रिक बसें दौड़ रही हैं और सफलतापूर्वक अपनी सेवाएं दें रही हैं। ये बसें मेड इन चाईना है और इनकी असेंबली हैदराबाद में होती है।  अपनी सफलता की गारंटी देती ये बसें मोदी के मेक इन इंडिया कैम्पेन को फिका कर रही हैं।

HRTC ने हैदराबाद की कंपनी गोल्डस्टोन इंफ्राटेक के इस साल इलैक्ट्रिक बसों की सप्लाई के लिए  समझौता किया था। सुत्रों के मुताबिक, हैदराबाद की ये कंपनी बसों की असंब्लिंग करती है जबकि चीन की BYD ऑटो इंडस्ट्री इन बसों को बनाती है जोकि विश्व की सबसे बड़ी मैनुफेक्चर्र कंपनी है। चीन की इस कंपनी के साथ गोल्डस्टोन इंफ्राटेक ने टाई-अप किया है।
 
ट्रांसपोर्ट मैनेजर ने बताया कि इलैक्ट्रिक बसों की जोरदार मांग के बाद चीन की कंपनियों की नजर भारतीय मार्केट पर है और यहां की सरकार वाहन प्रदुषण को कम करने का प्रयास कर रही है।  इलैक्ट्रिक बसों की मार्केट काफी बड़ी है। एक 25 सीटर  इलैक्ट्रिक बस की कीमत 1.25 करोड़ के करीब है। वहीं HRTC इसका 25 प्रतिशत और केन्द्र 75 फीसदी इसका भुगतान कर रही हैं।  

कोर्ट की बढ़ते प्रदुषण की फटकार झेल रहे राज्य दिल्ली, बेंगलुरू, हैदराबाद और राजकोट में इलैक्ट्रिक बसों की जोरदार मांग है। इलैक्ट्रिक बसें कम्पनी के मनाली में  रिचार्जेवल स्टेशन पर रिचार्ज होती हैं। सुत्रों के अनुसार,     इलैक्ट्रिक बसें Automotive Research Association of India (ARAI) से सर्टिफाईड है।

HRTCके मैनेजिंग डायरेक्टर अशोक तिवारी ने मीडिया को बताया कि मनाली- रोहतांग पास में सितंबर से 2 इलैक्ट्रिक बसें दौड़ रही हैं जबकि HRTC को 23 नई ओर बसें  मिलेंगी और इन्हें धर्मशाला और शिमला में चलाने पर विमर्श कर रहें हैं। लेकिन NGT ने फिलहाल इन बसों को मनाली में चलाने को कहा है।