राज्यसभा का कार्यवाही का आज दसवां दिन है। कार्यवाही शुरू होने के बाद संसद में अर्हित वित्तीय संविदा द्विपक्षीय नेटिंग विधेयक 2020 को राज्यसभा में पेश किया गया। बता दें कि यह बिल लोकसभा से पारित हो चुका है। इस विधेयक के माध्यम से देश के वित्तीय बाजार में अर्हित यानी पात्र वित्तीय संविदाओं की द्विपक्षीय नेटिंग की प्रवर्तनीयता का उपबंध करके वित्तीय स्थायित्व सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है। राज्यसभा से निलंबित 8 सांसदों के मुद्दे पर विपक्ष एकजुट है। विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने कल राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। विपक्षी सांसद सदन से वॉकआउट कर गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देर शाम विपक्षी दलों के सांसदों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सदन के बाहर नहीं, भीतर रहना अधिक सार्थक है। विपक्षी नेताओं ने स्पीकर के साथ बैठक में कहा कि राज्यसभा में जो हुआ उसके कारण हमने लोकसभा से वॉकआउट किया।
मजदूरों और कामगारों से जुड़े तीन बिल उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, 2020, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 राज्यसभा में पेश किए गए हैं। तीनों ही बिल मंगलवार को लोकसभा में पास किए गए थे। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने श्रम संहिता से जुड़े तीन विधेयकों को राज्यसभा में पेश किया। उन्होंने कहा कि 44 श्रम कानूनों में से 17 को पहले ही निरस्त कर दिया गया है। स्टैंडिंग कमेटी द्वारा की गई 233 सिफारिश के बाद यह बिल पेश किया गया। इन बिलों में 74% सिफारिश शामिल की गई है। संतोष गंगवार ने विधेयकों को पेश करते हुए कहा कि सरकार ने श्रम एवं रोजगार संबंधी संसदीय स्थायी समिति की 233 सिफारिशों में से 174 को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने व्यापक अध्ययन और परामर्श के बाद ही इन विधेयकों को तैयार किया है। इनका मसौदा तैयार करते वक्त नौ त्रिपक्षीय बैठकें आयोजित की गई थीं।